उन्होंने कहा कि केवडिया को पारिवारिक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया गया है,जहां बुजुर्गों के लिए आरोग्य वन- एकता वन हैं। युवाओं को आकर्षित करने के लिए एकता क्रूज व रिवर राफ्टिंग हैं। महिलाओं व बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क व जंगल सफारी व एकता मोल है।
487.50 करोड़ बजट का प्रावधान
चावड़ा ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए वर्ष 2021-22 में 393.50 करोड़ का प्रस्तावित बजट का प्रावधान था, लेकिन नए मुद्दों को शामिल करने के लिए बजट में 94 करोड़ रुपए और बढ़ाने का प्रस्ताव हैं, जो बढ़कर 487.50 करोड़ रुपए होगा।
रणोत्सव आने वाले सैलानियों में भी इजाफा
चावड़़ा ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कच्छ के सुदूरवर्ती गांव धोरडा में स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए रणोत्सव का प्रारंभ किया। वर्ष 2005 में सिर्फ दो दिनों के लिए रणोत्सव का प्रारंभ किया गया था, लेकिन अब यह सौ दिनों से भी ज्यादा का हो गया। रणोत्सव में जहां वर्ष 2016-17 में 2,13,107 सैलानी आए थे। वहीं वर्ष 2017-18 में 4,66,470 सैलानी आए और वर्ष 2018-19 में 4,25,644 सैलानी आए थे। वहीं 2019-20 में 3.50 लाख सैलानी सफेद रणोत्सव देखने आए।
20 वर्षों में गुजरात में बढ़े 12 गुना सैलानी गुजरात में पिछले 20 वर्षों के आंकड़ों पर गौर किया जाएगा तो सैलानियों की संख्या में 12 गुना तक बढ़ोतरी हुई है, जहां वर्ष 2001-02 में गुजरात में 52 लाख सैलानी आए थे। वहीं वर्ष 2019-20 में सैलानियों की संख्या बढ़कर 609 लाख हो गई। मतलब कि 12 गुना सैलानियों की बढ़ोतरी हुई। वहीं गुजरात सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए बजट प्रावधान में भी बड़ोतरी की है, जहां वर्ष 2001-02 में 12 करोड़ रुपए का बजट था। वहीं वर्ष 2021-22 में बजट प्रावधान 487.50 करोड़ अर्थात् 40 गुना किया गया है।