अहमदाबाद में ट्रैफिक की समस्या विकराल
अहमदाबादPublished: Jul 17, 2018 12:27:35 am
-आदेशों के पालन के लिए काफी समय दिया गया, लेकिन फिर भी कुछ नहीं किया जा सका
अहमदाबाद में ट्रैफिक की समस्या विकराल
अहमदाबाद. अहमदाबाद की अनियंत्रित ट्रैफिक, आवारा फिरते पशुओं व खस्ताहाल सडक़ों के संबंध में जारी आदेशों के अमलीकरण नहीं किए जाने पर गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक बार फिर राज्य सरकार, पुलिस प्रशासन व मनपा प्रशासन से भारी नाराजगी जताई।
न्यायाधीश एम. आर. शाह व न्यायाधीश ए. वाई. कोगजे की खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी की कि अहमदाबाद में ट्रैफिक की समस्या विकराल है। प्रत्येक नागरिक परेशान हो चुके हैं। प्रशासन ने यदि पुलिस को प्रशिक्षण दिया हो या फिर ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए किसी विशेषज्ञ की राय ली हो, तो बताएं। इस संबंध में यदि कोई ठोस प्लानिंग या आधारभूत डिजाइन तैयार किया गया हो तो उसे पेश करें।
न्यायायल ने पूछा कि क्या अस्पताल व क्लबों के आगे च्नो पार्किंग जोनज् का साइन बोर्ड लगा देने भर से अधिकारी संतुष्ट हैं? सर्विस रोड पार्किंग स्थल बन चुका है। हालांकि न्यायालय के सर्विस रोड के पार्किंग बनने की टिप्पणी की, तो वहां पर पार्किंग बंद हो गई, लेकिन अब मुख्य सडक़ों पर पार्किंग होती है। गड्ढे भरे गए तो वहां पर भी लोग पार्किंग करते हैं। इस संबंध में किसी को नोटिस जारी की गई?
न्याायालय की ओर से आदेशों के पालन के लिए काफी समय दिया गया, लेकिन फिर भी कुछ नहीं किया जा सका। पुलिस और मनपा के अधिकारियों की काम करने की इच्छा या काम करने के प्रति समर्पण की भावना नहीं है। इस मामले में अवमानना की कार्रवाई की बात कही जा चुकी है।
खंडपीठ ने कहा कि वर्ष २००६ में न्यायालय के आदेशों का अमल नहीं किया जा रहा है। कई बार एक ही बात को बार-बार प्रशासन से प्लीज करती है, तो क्या इसे न्यायालय की कमजोरी मानी जा रही है? न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन हो, ऐसा नहीं चल सकता। सोला ब्रिज का हवाला देते हुए कहा गया कि यहां पर हर वक्त क्यों ट्रैफिक की स्थिति अनियंत्रित रहती है। सोला ब्रिज के निकट मुख्य सडक़ के ठीक पास एसटी स्टैण्ड व बस स्टॉप बन गए हैं। ऐसे रास्तों को वन-वे क्यों नहीं किया जाता?