तिरंगे के रंग त्याग, कर्म, प्रकाश, पवित्रता और समृद्धि के प्रतीक : भागवत
आर.एस.एस. के सरसंघचालक ने अहमदाबाद स्थित गुजरात के आरएसएस मुख्यालय में फहराया तिरंगा

अहमदाबाद. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अहमदाबाद स्थित गुजरात के आर.एस.एस. के मुख्यालय डॉ. हेडगेवार भवन में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा फहराकर मंगलवार को गणतंत्र दिवस मनाया।
उन्होंने कहा कि जन-गण-मन गाने पर भारत भाग्य विधाता को नमन करते हुए हम अपने देश का स्मरण करते हैं। देश की भूमि, उसकी सीमा, पहाड़, नदियां, जल, जंगल, प्राणी, पुत्र, पर्यावरण, भूमि आदि सभी हमारी आंखों के सामने आते हैं।
भागवत ने कहा कि भारतीय आस्तिक बुद्धि के लोग हैं। सभी को स्वीकारना, संयमपूर्वक जीवन जीना और निरंतर कर्म कर सर्वत्र मंगल करना देश का उद्देश्य है। अपनी श्रद्धा को सुरक्षित रख देश के लिए प्रार्थना करते हैं। उस प्रार्थना में भारतमाता के स्वरूप का वैचारिक दृष्टि से दर्शन कर और भारतमाता के पूजन के समय उसके अखंड स्वरूप का चिंतन करते हैं।
‘तव शुभ नामे जागे’ में जागृति का प्रत्यक्ष स्वरूप संविधान सम्मत तिरंगा है। तिरंगे के रंग त्याग, कर्म, प्रकाश, पवित्रता और समृद्धि के प्रतीक हैं। भाषण से नहीं, अपने जीवन से लोगों का मार्गदर्शन करना चाहिए। मन की समृद्धि की आराधना करने वाले और शुद्ध चरित्र वाले लोग जब निरंतर प्रयास करेंगे तभी शुभ नाम से भारत जागेगा।
उन्होंने कहा कि यह हमारा गणतंत्र है, इसे चलाने वाले हम ही हैं। हमारे संविधान में नागरिक अधिकार के साथ नागरिक कर्त्तव्य की भी बात है। संविधान को प?ने पर देश को किस दिशा में आगे ले जाना है, यह पता लगता है इसलिए इसे अवश्य पढऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष ध्वजवंदन होता है लेकिन इसके पीछे का जो भाव, उद्देश्य है उसे बचाए रखना चाहिए।
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