scriptNavratra : तुलजा भवानी माता का नवरात्र में होता है हीरा-माणेक का श्रृंगार | Tulja Bhavani Mata | Patrika News

Navratra : तुलजा भवानी माता का नवरात्र में होता है हीरा-माणेक का श्रृंगार

locationअहमदाबादPublished: Oct 06, 2019 10:57:33 pm

Submitted by:

Gyan Prakash Sharma

मन्नत पूरी होने पर मल्हारराव ने भेंट किए थे आभूषण, Ahmedabad news, Gujrat news,Tulja Bhavani Mata,

Navratra : तुलजा भवानी माता का नवरात्र में होता है हीरा-माणेक का श्रृंगार

Navratra : तुलजा भवानी माता का नवरात्र में होता है हीरा-माणेक का श्रृंगार

वडोदरा. जिले की पादरा तहसील के रणु में तुलजा भवानी माता का प्राचीन मंदिर है। यहां नवरात्र के दौरान माताजी को मल्हारराव गायकवाड़ की ओर से भेंट किए गए हीरे-माणेक से श्रृंगार किया जाता है। शारदीय एवं वसंत नवरात्र के दौरान छठवीं से लेकर एकादशी तक यह आभूषण पहनाए जाते हैं।
जेल से रिहा हुए तो दी थी भेंट

बताया जाता है कि वर्ष १८५६-७० के दौरान वडोदरा की राजगद्दी पर तत्कालीन महाराजा खंडेराव गायकवाड़ थे। उनके छोटे भाई मल्हारराव गायकवाड़ की अंग्रेजों के साथ नहीं बनती थी। किसी न किसी कारण से अंग्रेज उन्हें परेशान करते थे। अंग्रेजों ने वर्ष १८६३ में उनपर गलत आरोप लगाया और पादरा की जेल में बंद कर दिया। खुद को कारावास में देखकर दु:खी हुए मल्हारराव ने जेल में ही मां तुलजा भवानी की आराधना की और मन्नत मांगी कि यहां से निर्दोष रिहा हुआ तो रणु में दर्शन करने जाएंगे और वस्त्र, आभूषणों से श्रृंगार करेंगे। उसी रात मल्हारराव जेल से रिहा होने पर वे रणु गए और माताजी का दर्शन करते हुए वस्त्र व आभूषण भेंट किए। यह वस्त्र एवं आभूषण नवरात्र के दौरान ही पहनाए जाते हैं।
यह प्राचीन मंदिर पहले छोटा था, लेकिन अब इसे बड़ा बनाया गया है। फिलहाल ११वीं पीढ़ी के कविन्द्रगिरी महंत मंदिर के गादीपति हैं। गादीपति बनने के बाद उन्होंने मंदिर व्यवस्था में सुधार कर नवीनीकरण कार्य करवाया।
रात को ही पहुंच गए थे मंदिर

मल्हारराव जेल छूटने के बाद रात को ही मंदिर पहुंचे और माताजी के दर्शन किए थे। उन्होंने माताजी को मुकुट, हार, कंगन आदि हीरे-माणेक के आभूषण भेंट किए थे। १५० वर्ष पुराने आभूषण पादरा कोष में रखे गए हैं।

-कविन्द्रगिरी-महंत, तुलजा माताजी का मंदिर, रणु।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो