कांग्रेस की ‘जन संकल्प’ रैली में दो लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं का ‘टारगेट’
अहमदाबादPublished: Feb 24, 2019 10:10:41 pm
सोशल मीडिया पर भी रैली में आने का न्योता
कांग्रेस की ‘जन संकल्प’ रैली में दो लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं का ‘टारगेट’
अहमदाबाद. गुजरात में 1961 के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की 28 फरवरी को बैठक होगी। इसके साथ ही गांधीनगर के अडालज में कांग्रेस की जन संकल्प रैली में होगी, जिसमें गुजरातभर से दो लाख से ज्यादा लोगों को जुटाने के लिए कांग्रेस मशक्कत कर रही है। जहां कांग्रेस के पार्षद, विधायक और जिला अध्यक्ष समेत पदाधिकारियों जन संकल्प रैली में लोगों को जुटाने के लिए वॉर्ड और इलाकों में मीटिंग कर रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है। गुजरात कांग्रेस के प्रभारी राजीव सातव, प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा और परेश धानाणी भी सोशल मीडिया के जरिए लोगों को रैली में आने का न्योता दे रहे हैं। साथ ही जन संकल्प रैली को लेकर गुजरातभर में पोस्टर-बैनर लगाए गए हैं, जिसमें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव का पदभार संभालने के बाद पहली बार गुजरात आ रही प्रियंका गांधी की झलक है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का कहना है कि करीब छह दशकों बाद गुजरात में कार्यकारिणी की बैठक का मौका मिला है। हर हाल में कार्यकारिणी की बैठक और जन संकल्प रैली को सफल बनाने को लेकर सभी जुट गए हैं। हर जिलों से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जुटाने का टार्गेट दिया गया है। दो लाख से ज्यादा लोग इस रैली में जुटेंगे, जिसमें अहमदाबाद से 50 हजार से ज्यादा लोग जुटेंगे।
मोदी-शाह को घर ने घेरने की तैयारी :
जहां भाजपा उत्तर प्रदेश के रायबरेली और अमेठी में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को लगातार घेर रही है उसी तर्ज पर कांग्रेस भी अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को उनके गृह राज्य में घेरने की तैयार में जुट गई है। चाहे कर्नाटक हो, पंजाब हो, मध्यप्रदेश, राजस्थान या छत्तीसगढ़ हो इन राज्यों में जहां जीत से कांग्रेस में उत्साह बढ़ा है। वहीं भाजपा में निराशा बनी है। अब कांग्रेस ने गुजरात को टारगेट किया है, जहां पार्टी ‘मोदी को धरतीÓ से नकारने की रणनीति पर फोकस करेगी। गुजरात में मोदी के भावनात्मक जुड़ाव को तोडऩे की रणनीति दिशा में यह कदम है। हालांकि गुजरात में वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जिस तरीके से गुजरात के लोगों को जोडऩे की कोशिश की थी उसमें काफी हद तक सफलता भी मिली थी। इसके चलते पहले इसी माह वलसाड में राहुल गांधी जन आक्रोश रैली और अब गांधीनगर के अडालज में जन संकल्प रैली को होना कार्यकर्ताओं में ना सिर्फ जान फूंकने की दिशा में कांग्रेस का कदम है बल्कि मोदी और शाह को घेरना भी है।