जानकारी के अनुसार देवभूमि द्वारका जिले में एसओजी ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर विभिन्न कंपनियों में ऊंचे वेतन पर नौकरी हासिल करने के रैकेट का भंडाफोड़ किया था। इस मामले की जांच की तो कई चौंकाने वाले मामले सामने आते गए। एसओजी ने जामनगर के बेडी के जुमा जूसब मुंडराई, अब्दुल आदम मुंडराई, असगर कासम चंगडा, अशरफ अब्बास सुराणी समेत हाल बिहार के पटना में रहने वाला अमित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। सभी आरोपी बिहार की एक संस्था के प्रशिक्षण का फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर उसे रुपए लेकर दूसरों को देते थे। एसओजी ने मामले की जानकारी मिलने पर छापेमारी कर 13 फर्जी प्रमाण पत्र के साथ जुमा जुसब, अब्दुल आदम, असगर कासम और अशरफ अब्बास को गिरफ्तार कर लिया था। इन आरोपियों से पूछताछ में 28 लोगों को फर्जी प्रमाण पत्र देने का मामला सामने आया। आरोपियों से पता चला कि अमित 22500 से लेकर 80 हजार रुपए तक लोगों से वसूली कर फर्जी प्रमाण पत्र देता था। इसके बाद फर्जी प्रमाण पत्र घोटाले में पोरबंदर के रोनक काष्टा और विनय कुमार की संलिप्तता का पता चला। एसओजी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरोह के सदस्यों ने अलग-अलग मरीन प्रशिक्षण संस्थान के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए थे।