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अहमदाबाद

दो मूकबधिर युवतियों को घरवालों का इंतजार!

निवास स्थल बताने में असमर्थ होने से रह रहीं हैं नारी संरक्षण गृह में

अहमदाबादJan 30, 2018 / 11:14 pm

Gyan Prakash Sharma

Vadodara Woman Conservation Home
वडोदरा. वडोदरा नारी संरक्षण गृह में रह रही दो मूकबधिर युवतियां घर जाना चाहती हैं, लेकिन निवास स्थल बताने में असमर्थ होने के कारण प्रशासन भी लाचार बना है। मूकबधिरों की भाषा जानने वाले विशेषज्ञ की भी मदद ली गई, लेकिन दोनों युवतियां अनपढ़ होने के कारण कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। एक युवती ने चित्र के माध्यम से घर का नक्शा बनाने का प्रयास किया, लेकिन उससे सिर्फ इतना ही पता चलता है कि युवती का घर रेलवे ट्रेक के आसपास है, लेकिन कहां है यह पता नहीं।
नारी संरक्षण गृह की अध्यक्ष रीटाबेन मांजरावाला के अनुसार ११ मई २०१५ को वडोदरा तहसील पुलिस को दुमाड चौकड़ी के निकट एक मूकबधिर युवती मिली थी। संस्था ने उनका नाम काजल रखा है। इसी तरह, ३० जुलाई २०१६ को छोटाउदेपुर पुलिस को छोटा उदेपुर में शनिवारी हाट से एक मूकबधिर युवती मिली, जिसका नाम निशा रखा गया है।
दोनों युवतियों को परिजनों तक पहुंचाने के लिए संस्था ने अनेक प्रयास किए, लेकिन दोनों युवतियां स्थल बताने में असमर्थ होने के कारण सफलता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि मूकबधिरों की भाषा जानने वालीं तृष्णाबेन शाह की मदद ली गई थी, लेकिन दोनों युवतियां अशिक्षित होने के कारण गांव का नाम नहीं जान सकीं।

एक वर्ष में चार बार सांकेतिक भाषा में पूछताछ
भरुच जिला आईईडीएसएस के कॉ-ऑर्डिनेटर तृष्णा शाह ने कहा कि दोनों युवतियों से पिछले एक वर्ष में ४ बार सांकेतिक भाषा में पूछताछ की गई है। निशा को मुस्लिम माना जा रहा है, जो नॉनवेज खाने की इच्छा रखती है, जबकि काजल को हिन्दू माना जा रहा है। लेकिन दोनों किस गांव की हैं, यह नहीं जान सके।

काजल ने पति की प्रताडऩा से घर छोड़ा!
निशा ने जो चित्र बनाया है, उससे लगता है कि वह किसी ऐसे गांव में रहती है, जहां से रेलवे लाइन गुजरती है, लेकिन गांव का नाम जानने को नहीं मिला है। दूसरी ओर, काजल ने पति की प्रताडऩा से घर छोड़ा हो, ऐसा लग रहा है।

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