आणंद. खेड़ा जिले में नडियाद शहर के प्रसिद्ध संतराम मंदिर में पौषी पूर्णिमा पर मंगलवार को भक्तों ने बेर उछालकर मन्नत पूरी की। एक अनुमान के अनुसार एक ही दिन में मंगलवार को करीब २ हजार मन बेर मंदिर में उछाले गए।
संतराम मंदिर के महंत रामदास महाराज ने तडक़े ऋषिस्नान कर माता सरस्वती की पूजा-अर्चना की और भक्तों को आशीर्वाद दिया। इसके बाद शुरू हुआ बेर उछालने का सिलसिला, जो दिन भर चला। पौषी पूर्णिमा के चलते तडक़े से ही मंदिर में भक्तों का उमडऩा शुरू हो गया। दूसरी ओर, मंदिर परिसर के बाहर बेर बेचने वालों ने भी एक दिन के लिए डेरा डाल लिया था। उछलते बेरों को लपकने के लिए भक्तों में उत्साह देखने को मिला।
बेर उछालने के पीछे यह है मान्यता पौराणिक कथाओं के अनुसार करीब २५० वर्षों से चली आ रही बेर उछालने की परम्परा के पीछे मान्यता है कि मंदिर में बेर चढ़ाने की मन्नत मांगने से बालक बोलने लग जाता है। मंदिर के महंत रामदास महाराज के अनुसार वर्षों पूर्व संतराम महाराज सदैव इस मंदिर में बिराजते थे, उस समय मोटा नारायणदेव मंदिर के पुजारी एक बार उनके पास आए और बोले कि पांच वर्षीय पुत्र बोलता नहीं है।
संतराम महाराज ने कहा कि आप सिर्फ बेर चढ़ाने की मन्नत रख लो और बालक बोलने लग जाएगा। पुजारी ने मन्नत रखी तो कुछ दिनों बाद ही बालक बोलने लग गया और तभी से मंदिर में बेर उछालने की मन्नत शुरू हो गई। कार्य पूरा होने पर भक्त पौषी पूर्णिमा पर बेर उछालकर मन्नत पूरी करते हैं।