वर्ष 2015 में इस भक्त कवि नरसिंह मेहता यूनिवर्सिटी से संलग्न 162 कॉलेजों के 30 हजार छात्रों से ज्यादा को छह फैकल्टीज की डिग्री प्रदान की गईं। साथ ही 54 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री रुपाणी ने पोरबंदर की संदीपनी गुरुकुल आश्रम के प्रणेता और कथाकार रमेश ओझा को इस यूनिवर्सिटी से मानद् डॉक्टरेट की डिग्री भी प्रदान की।
रुपाणी ने युवा विद्यार्थियों को प्रेरित करते कहा कि कन्वोकेशन या दीक्षांत समारोह तो भारतीय गुरुकुल परम्परा में सदियों से चलनेवाली शिक्षा-दीक्षा की अलग परम्परा है। भगवान रामचन्द्र, श्री कृष्ण ने भी आश्रम में रहकर गुरुओं से शिक्षा-दीक्षा हासिल की थी।
रुपाणी ने कहा कि संस्कृत यूनिवर्सिटी एवं योग यूनिवर्सिटी जैसी भारतीय परंपरागत शिक्षा प्रणाली से युवाओं को सुसज्जित करने वाली यूनिवर्सिटी के साथ-साथ गुजरात को समयानुकूल शिक्षा के लिए सेक्टरल यूनिवर्सिटी प्रारंभ की गई। फोरेंसिक साइंस, पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी, रक्षा यूनिवर्सिटी, लॉ यूनिवर्सिटी जैसी अत्याधुनिक शिक्षा सुविधाएं युवाओं को घर के निकट उपलब्ध हो रही हैं।
‘गुजरात जॉब सिकर नहीं जॉब गीवर हैÓ शिक्षामंत्री भूपेन्द्रसिंह चुड़ास्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का सूत्र है कि गुजरात जॉब सिकर नहीं जॉब गीवर बने। इसके मद्देनजर ही गुजरात ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां युवाओं के लिए गुजरात स्टार्टअप स्टूडण्ट पॉलिसी प्रारंभ की है। उन्होंने डिग्री पाने वाले छात्रों को बधाई देते कहा कि अब तक परीक्षाएं पाठ्यक्रम आधारित थी, लेकिन अब वह अनापेक्षित हैं। उन्होंने छात्रों से व्यवहारिक जीवन में राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने का आह्वान किया।
इस मौके पर कथाकार रमेश ओझा,, भक्त कवि नरसिंह मेहता यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डॉ. चेतन त्रिवेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। पर्यटन एवं मत्स्य उद्योग मंत्री जवाहरभाई चावडा, शिक्षा राज्यमंत्री विभावरीबेन दवे, महापौर धीरूभाई गोहिल समेत कई गणमान्य मौजूद थे।