लेप्टिन हार्मोंस ही नहीं, जन्म बाद जेनेटिक म्यूटेशन!
नरवरिया ने बताया कि बच्चे जन्म के समय सामान्य वजन के थे। कुछ महीनों बाद इनके जीन्स में म्यूटेशन होने के चलते वजन बढऩे लगा। जांच में पता चला कि इनके शरीर में लेप्टिन हार्मोंस नहीं है, जो पेट भरने की सूचना मस्तिष्क तक पहुंचाता है। ऐसे में यह बच्चे कितना भी खाएं पता ही नहीं चलता था। इसका इलाज लेप्टिन हार्मोंस हैं जो भारत में उपलब्ध नहीं हंै।
नरवरिया ने बताया कि बच्चे जन्म के समय सामान्य वजन के थे। कुछ महीनों बाद इनके जीन्स में म्यूटेशन होने के चलते वजन बढऩे लगा। जांच में पता चला कि इनके शरीर में लेप्टिन हार्मोंस नहीं है, जो पेट भरने की सूचना मस्तिष्क तक पहुंचाता है। ऐसे में यह बच्चे कितना भी खाएं पता ही नहीं चलता था। इसका इलाज लेप्टिन हार्मोंस हैं जो भारत में उपलब्ध नहीं हंै।