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उत्तराखंड के मछुआरों ने लिया आय बढ़ाने का प्रशिक्षण

locationअहमदाबादPublished: Sep 21, 2021 10:34:12 pm

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

वेरावल अनुसंधान केंद्र में

उत्तराखंड के मछुआरों ने लिया आय बढ़ाने का प्रशिक्षण

उत्तराखंड के मछुआरों ने लिया आय बढ़ाने का प्रशिक्षण

प्रभास पाटण. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-केंद्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिक संस्थान की ओर से गिर सोमनाथ जिले में वेरावल-भिडीया राजमार्ग पर भिडीया स्थित मत्स्य भवन में संचालित वेरावल अनुसंधान केंद्र में उत्तराखंड के मछुआरों ने कुशलता व मूल्यवर्धक उत्पादन का प्रशिक्षण लिया।
उत्तराखंड के चमौली स्थित मात्स्यिकी विभाग के सहयोग से मछली से मूल्य वर्धित उत्पादों के विकास पर क्षमता निर्माण कार्र्यक्रम में चमौली से आए 12 मछुआरों ने तीन दिन तक प्रशिक्षण प्राप्त किया। मछली से बनने वाले कटलेस, फिनाइल, ट्राउट, अचार, सूखी मछली के अपशिष्ट से पिंड आदि उत्पाद बनाकर बिक्री, मछली के समोसे आदि वस्तुएं बनाने के बारे में व्याख्यान और प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया। इन उत्पादों में मूल्य वर्धकता बढ़ाने के बारे में विशेष तौर पर जानकारी दी गई।
वेरावल अनुसंधान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक आशीषकुमार झा, प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. अनुपमा टी, डॉ. सारिका, श्रीजीत एस. आदि ने प्रशिक्षण दिया। उत्तराखंड के प्रभारी मत्स्य अधिकारी कनक शाह के अनुसार उत्तराखंड में छोटे-छोटे कुंड बनाकर पानी में ट्राउट यानी रेनबो नामक विशेष मछली का उत्पादन घरों में किया जाता है। यह मछली 600 से 2000 रुपए प्रति किलो के भाव से बिकती है। पांच सितारा होटलों में इस मछली के 2300 रुपए प्रति किलो भाव मिलते हैं। यह मछली 1 से 4 किलो तक वजन की होती है।
उनके अनुसार इस मछली के उत्पादन में सरकार की ओर से सहायता मिलती है। इस मछली से बनने वाले उत्पादों व आउटलेट रेस्टोरेंटोंं के बारे में कोचीन, मुंबई, विशाखापट्टनम व वेरावल में प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा मछली के मूल्यवर्धक उत्पादन, विकास व क्षमता निर्माण की कार्यशाला भी आयोजित की जाती है।

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