मनपा प्रशासन ने विशेष हेल्पलाइन नंबर ०७९-२६५८६७२१ जारी किया है। हेल्पलाइन १५ जनवरी तक कार्यरत रहेगी। वी.एस.अस्पताल ने ट्रोमा सेंटर में विशेष व्यवस्था भी सुनिश्चित की है। चाइनीज-सिन्थेटिक डोर, टुक्कल बेचते १५ गिरफ्तार
उत्तरायण पर चाइनीज और सिन्थेटिक डोर व चाइनीज टुक्कलों की बिक्री, संग्रह व उपयोग पर रोक होने के बावजूद भी इसकी खुलेआम बिक्री करने वालों पर शहर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 15 लोगों को पकड़ा है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं।
उत्तरायण पर चाइनीज और सिन्थेटिक डोर व चाइनीज टुक्कलों की बिक्री, संग्रह व उपयोग पर रोक होने के बावजूद भी इसकी खुलेआम बिक्री करने वालों पर शहर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 15 लोगों को पकड़ा है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं।
वटवा में चाइनीज टुक्कलों की बिक्री को रोकते हुए आठ टुक्कलें बरामद कीं और तीन लोगों को पकड़ा। सबसे ज्यादा चाइनीज डोर की १९ रील को कृष्णनगर पुलिस ने जब्त किया है।
शहर में चाइनीज डोर व सिन्थेटिक डोर की पक्की डोरी से पतंग उड़ाने के चलते इसके पेड़ों व ब्रिजों पर फंसने के चलते लोगों के गले कटने और जान जाने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हंै। इसे देखते हुए शहर पुलिस आयुक्त ए.के.सिंह ने 12 दिसंबर को ही अधिसूचना जारी करते हुए शहर में चाइनीज , सिन्थेटिक व कांच लेपित डोर के उपयोग, संग्रह, बिक्री पर रोक लगा दी थी। साथ ही चाइनीज टुक्कलों को उड़ाने के चलते आगजनी की घटनाएं होने और उसमें लोगों की जान जाने की दुर्घटनाएं शहर में पहले हो चुकी हैं इसे देखते हुए दिसंबर में ही चाइनीज टुक्कलों के उपयोग, बिक्री, संग्रह पर भी रोक लगी दी गई है। इसके बावजूद भी शहर में चाइनीज डोर और टुक्कलों की बिक्री की जा रही थी।
जख्मी पक्षियों के लिए एनजीओ की टीमें तैनात
उत्तरायण पर पतंग की डोर में फंसकर जख्मी हुए पक्षियों को समय से उपचार दिलाने के लिए शहर में ३१ गैर सरकारी संस्थाओं के स्वयंसेवकों की टीमें इलाकों के आधार पर तैनात रहेंगीं। इनकी ओर से जारी हेल्पलाइन नंबरों पर घायल पक्षियों की सूचना देनेेे पर यह टीमें जख्मी पक्षी को ले जाकर उपचार दिलाएगीं। फायरब्रिगेड से भी मदद मांगी जा सकती है। वन विभाग की ओर से भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। वस्त्रापुर केन्द्र पर विशेष ट्रीटमेंट की व्यवस्था है।
उत्तरायण पर पतंग की डोर में फंसकर जख्मी हुए पक्षियों को समय से उपचार दिलाने के लिए शहर में ३१ गैर सरकारी संस्थाओं के स्वयंसेवकों की टीमें इलाकों के आधार पर तैनात रहेंगीं। इनकी ओर से जारी हेल्पलाइन नंबरों पर घायल पक्षियों की सूचना देनेेे पर यह टीमें जख्मी पक्षी को ले जाकर उपचार दिलाएगीं। फायरब्रिगेड से भी मदद मांगी जा सकती है। वन विभाग की ओर से भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। वस्त्रापुर केन्द्र पर विशेष ट्रीटमेंट की व्यवस्था है।
हेल्पलाइन नंबर:
शाहीबाग-संवेदना फाउंडेशन-९३२७६३०१७०, अखबारनगर-राणीप-सेव लाइंस ग्रुप-९७१२२०५९६१, चांदखेड़ा-साबरमती-वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू टीम-८४०१९४८५६०, सीटीएम-वंडर पोइन्ट-पंखीडा प्रेमी सेवा ग्रुप-९८२४९६०३४४, ओढव-जीबीआरसी-७४०५१०२२८७, बापूनगर-वस्त्राल-पारेवडा ग्रुप-७०४१४७३७८७, मेमनगर-गुरुकुल-चंद्रेश पटेल इंटरेशनल एन्वायरमेंट फाउंडेशन-९४२६५१६१११, सोला रोड-सेव बर्ड फाउंडेशन-८४०१८३७३३७, नारणपुरा-प्रमाण ग्रुप-९४२६२४१००४, विजय चार रास्ता-सर्वधर्म रक्षक ट्रस्ट-९३७६१४४५५९
शाहीबाग-संवेदना फाउंडेशन-९३२७६३०१७०, अखबारनगर-राणीप-सेव लाइंस ग्रुप-९७१२२०५९६१, चांदखेड़ा-साबरमती-वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू टीम-८४०१९४८५६०, सीटीएम-वंडर पोइन्ट-पंखीडा प्रेमी सेवा ग्रुप-९८२४९६०३४४, ओढव-जीबीआरसी-७४०५१०२२८७, बापूनगर-वस्त्राल-पारेवडा ग्रुप-७०४१४७३७८७, मेमनगर-गुरुकुल-चंद्रेश पटेल इंटरेशनल एन्वायरमेंट फाउंडेशन-९४२६५१६१११, सोला रोड-सेव बर्ड फाउंडेशन-८४०१८३७३३७, नारणपुरा-प्रमाण ग्रुप-९४२६२४१००४, विजय चार रास्ता-सर्वधर्म रक्षक ट्रस्ट-९३७६१४४५५९