वडोदरा. गुजरात में सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में अहमदाबाद प्रथम स्थान पर है। जबकि वापी और अंकलेश्वर के साथ वडोदरा दूसरे स्थान पर हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से देश के २८० शहरों की प्रदूषण रिपोर्ट के अध्ययन के बाद ग्रीन पीस नामक संस्था ने यह रिपोर्ट जारी की है।
ग्रीन पीस की रिपोर्ट में बताया गया है कि वडोदरा में सल्फरडाई ऑक्साइड, नाइट्रोजनडाई ऑक्साइड, और दस माइक्रोन या उससे कम आकार वाले धूल के कणों की मात्रा प्रति घन मीटर १०२ माइक्रोन है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) के मानक से बीस माइक्रोन के मुकाबले यह छह गुना और भारत सरकार के सीपीसीबी के मानक ६० माइक्रोन के मुकाबले ४० फीसदी ज्यादा है। पांच वर्ष पूर्व वन विभाग ने वडोदरा को राज्य का ग्रीन सिटी घोषित किया था। जिसमें आज प्रतिदिन लगभग पांच लाख वाहन दौड़ते हैं। इसके अलावा कल कारखाने व १७० से अधिक बड़ी बड़ी इमारत निर्माण की साइटें चल रहीं हैं। जिसके कारण प्रदूषण बढ़ा है। वडोदरा में फरवरी और अगस्त माह में सबसे अधिक प्रदूषण होता है।
हवा में पाए जाने वाले धूल कणों के संबंध में सीपीसीबी के प्रादेशिक अधिकारी नीरव शाह ने बताया कि देश में हवा में पाए जाने वाले धूल कणों को मापने वाला
यंत्र अभी तक मौजूद नहीं है। यह बात भी सही है कि वायु प्रदूषण में सबसे अधिक मात्रा धूल कणों की ही होती है।
बीमार होने वालों में ३५ फीसदी विद्यार्थी
ऑनलाइन रिसर्च जर्नल शोध गंगा के अनुसार वडोदरा में श्वसन रोग के मरीजों में सबसे अधिक लगभग ३५ फीसदी विद्यार्थी होते हैं। इम्पेक्ट ऑफ मटिरियोलोजी ऑन स्पाटियल डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ अस्थमा एक्सरबेशन इन वडोदरा सिटी नामक इस रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं में१७.९ फीसदी को खांसी की शिकायत प्रदूषण के कारण है जबकि पुरुषों में १९.८ फीसदी को यह शिकायत है।