वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण, भूमि माप और जमीन की जांच को लेकर किसानों और सरकार के बीच विवाद चल रहा है। कई मुद्दों को लेकर किसान कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके बाद भी नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने एक्सप्रेस वे की जमीन अधिग्रहण और जांच निजी कंपनी के माध्यम से शुरू कराई है। शनिवार को एक्सप्रेस वे के लिए भूमि की जांच के लिए एक टीम बोरिंग के सामान के साथ कामरेज के दिगस गांव पहुंची। टीम सदस्य भूमि जांच के लिए जरूरी मशीन ट्रक से उतार रहे थे तभी किसान मौके पर पहुंचे और इस कार्रवाई का विरोध किया। किसानों का कहना है कि ग्राम पंचायत और किसानों को बिना बताए ही उनकी जमीन में मशीन लेकर नहीं आया जा सकता। ग्रामीणों का विरोध देखकर कंपनी के कर्मचारी मशीन लेकर वापस लौट गए।
गौरतलब है कि इससे पूर्व 19 सितंबर को कामरेज़ के ही हलधरू गाँव से जमीन जांच करने वाली टीम को भी किसानों ने वापस लौटा दिया था। वहीं कई जगह अवार्ड देने गए कंपनी के अधिकारियों को भी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा और टीमें अवार्ड दिए बगैर ही वापस लौट गईं।
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