ज्ञापन में कहा गया है कि वारसिया संजयनगर में झोपड़पट्टी को तीन वर्ष पूर्व महानगरपालिका ने तोड़ दिया था। वहां पीपीपी मॉडल से संजयनगरवासियों को मकान बनाकर देना था। जब तक मकान नहीं बनते तब तक किराया भी चुकाना था। 18 माह में मकान देने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक कोई भी निर्माण कार्य नहीं हुआ। वहीं लॉकडाउन के बाद अब तक किराया भी नहीं चुकाया गया। इसके चलते ही संजयनगरवासी आंदोलन कर रहे हैं।