scriptराजपथ क्लब की फर्जी सदस्यता देने का मुख्य आरोपी देसाई गिरफ्तार | Vastrapur police arrest accused of rajpath club fake membership case | Patrika News

राजपथ क्लब की फर्जी सदस्यता देने का मुख्य आरोपी देसाई गिरफ्तार

locationअहमदाबादPublished: Mar 20, 2019 07:10:48 pm

क्लब को १.६५ करोड़ की चपत लगाने का है आरोप, गैर सदस्यों को सदस्यों का संबंधी बताकर फीस में ५० प्रतिशत की छूट देने और नए सदस्यों की फीस क्लब में जमा न करने का भी आरोप

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राजपथ क्लब की फर्जी सदस्यता देने का मुख्य आरोपी देसाई गिरफ्तार

अहमदाबाद. शहर के सबसे बड़े पारिवारिक क्लबों में से एक राजपथ क्लब की सदस्यता देने में बड़ी गड़बड़ी करने वाले मुख्य आरोपी क्लर्क हितेश देसाई को वस्त्रापुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
देसाई पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर और क्लब के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करके क्लब के गैर सदस्यों को क्लब के सदस्यों का संबंधी बताकर सदस्यता देने का आरोप है। इसके अलावा उन्हें ५० प्रतिशत की छूट भी गलत तरीके से देने और नए बनाए हुए सदस्यों की सदस्यता फीस क्लब में जमा नहीं करके क्लब को एक करोड़ ६५ लाख रुपए की चपत लगाने का भी आरोप है। इस बाबत क्लब के महाप्रबंधक अमित पटेल ने क्लब क्लर्क हितेश देसाई के विरुद्ध ठगी और विश्वासघात का मामला वस्त्रापुर थाने में बीते माह दर्ज कराया है। यह गड़बड़ी वर्ष २०१५ ले २०१८ के दौरान की गई है।
शिकायत में आरोप है कि हितेश देसाई ने वर्ष २०१२ से अब तक काम करने के दौरान क्लब के कर्मचारियों और निदेशकों का विश्वास जीता। जिसके चलते उसे क्लब में नए बनने वाले सदस्यों की सदस्यता देने की प्रक्रिया और पुराने सदस्यों की समस्याओं को निपटाने से जुड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। काम करने के दौरान उसने क्लब के पुराने और गैर सक्रिय सदस्यों के पुत्र-पुत्री बताकर तीन सदस्यों को क्लब की सदस्यता दिलाने में ५० फीसदी फीस की अवैध रूप से छूट दिलाई। गैर सदस्यों को छूट का गलत लाभ दिलाया आरोप है कि इसने क्लब के पुराने 15 सदस्यों के नाम और पते के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करके 15 अन्य लोगों को क्लब की फर्जी मैम्बरशिप दे दी। इसकी सदस्यता फीस डेढ़ करोड़ रुपए भी क्लब में जमा नहीं कराकर खुद ही ले ली और ऐसा करके इसने क्लब के साथ विश्वासघात और ठगी की है।
इस ठगी के घटनाक्रम का पता २६ दिसंबर २०१८ को तब चला जब क्लब के एक सदस्य ने एक अन्य सदस्य की सदस्यता के बारे में रिकॉर्ड की मांग की। जिसके बाद हितेश ने क्लब में आना बंद कर दिया। शंका होने पर कराई गई जांच में क्लब के सदस्यता रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की बात सामने आई और हितेश की पोल खुल गई।
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