scriptहार्दिक पटेल की आरोप मुक्ति की याचिका पर फैसला 21 को | Verdict on Discharge Plea of Hardik Patel likely on Feb 21 | Patrika News

हार्दिक पटेल की आरोप मुक्ति की याचिका पर फैसला 21 को

locationअहमदाबादPublished: Feb 02, 2018 10:16:29 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

राजद्रोह प्रकरण

hardik discharge plea verdict reserved
अहमदाबाद. शहर सत्र अदालत राजद्रोह प्रकरण में आरोपी व पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की आरोप मुक्ति की याचिका पर संभवत: 21 फरवरी को अपना फैसला सुनाएगी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दिलीप महिडा ने शुक्रवार को याचिकाकर्ता व राज्य सरकार की ओर से दलीलों को सुनने के बाद हार्दिक की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
राज्य सरकार की ओर से यह कहा गया कि हार्दिक के खिलाफ काफी सबूत हैं जिससे आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए जा सकते हैं। राज्य सरकार ने यह दलील दी कि जीएमडीसी मैदान में हार्दिक के भाषण के बाद से राज्य भर में हिंसा भडक़ी थी। इस कारण राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हुई थी। वहीं विभिन्न इलाकों में कफ्र्यू लगाना पड़ा था।
इतना ही नहीं उच्च न्यायालय ने इस मामले में राजद्रोह के तहत दर्ज प्राथमिकी रद्द नहीं की, इसलिए इस मामले में कुछ सबूत हैं। मोबाइल से लिए गए आवाज के नमूने हार्दिक के आवाज से मेल खाते हैं। उच्च न्यायालय ने भी प्राथमिक तौर पर अवलोकन करते हुए हार्दिक के खिलाफ राजद्रोह की शिकायत खारिज नहीं की।
उधर हार्दिक के वकील रफीक लोखंडवाला की ओर से दलील दी गई कि आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। यदि मोबाइल की बातों को सुना जाए तो तो पता चलता है कि हार्दिक ने जानमाल के नुकसान की कोई बात नहीं कही थी। इससे पहले हार्दिक की ओर से यह कहा गया कि आरोपी ने आरक्षण आंदोलन के दौरान किसी तरह का कोई ऐसा उकसाने या आपत्तिजनक या देशविरोधी बयान नहीं दिया है जिससे उसके खिलाफ राजद्रोह का मामला दायर हो। यह भी दलील दी गई कि राज्य सरकार ने पाटीदार नेता के खिलाफ गलत केस दर्ज किया है। इसलिए इस मामले में हार्दिक को आरोप मुक्त किया जाना चाहिए।
25 अगस्त 2015 को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान पर महाक्रांति रैली का आयोजन किया गया था। रैली के खत्म होने के बाद देर शाम अहमदाबाद के साथ-साथ राज्य भर में हिंसा भड़क़ी थी। इस घटना के करीब दो महीने बाद इस मामले में हार्दिक व अन्य के खिलाफ राजद्रोह व आपराधिक षड्यंत्र के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
उल्लेखनीय है कि हार्दिक के साथ-साथ इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। इसमें दिनेश बांभणिया, केतन पटेल, चिराग पटेल शामिल हैं। इस मामले में गवाह बना केतन के अलावा चिराग भाजपा में शामिल हो चुके हैं और बांभणिया भी हार्दिक से अलग हो चुके हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो