VGEC, Engineering student, BRTS, Bus, accident, vehicle, Corridor वीजीईसी विद्यार्थियों के इनोवेशन से रुक सकते हैं हादसे, खर्च भी है हजार से कम, बस, एंबुलेंस के आने पर ही खुलेगा बैरियर
अहमदाबाद. बीआरटीएस कोरिडोर में अन्य वाहनों के प्रवेश करने के चलते होने वाले हादसों की बढ़ती संख्या और इसमें लोगों की मौत होने के मामलों को देखते हुए इसे रोकने के लिए विश्वकर्मा सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज
(वीजीईसी) के विद्यार्थियों ने ऑटोमैटिक बैरियर सिस्टम बनाया है।
रेडियो फ्रिक्वेंसी संचालित इस ऑटोमैटिक बैरियर सिस्टम को लगाने पर कोरिडोर में अन्य वाहन प्रवेश नहीं कर पाएंगे। ये बैरियर तभी अपने आप खुलेगा जब बीआरटीएस बस या फिर एंबुलेंस, फायरब्रिगेड या पुलिस वाहन इस कोरिडोर में आए। नहीं तो ये बंद रहेगा। जिससे अन्य वाहन कोरिडोर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। इसे एक हजार रुपए से भी कम में विकसित किया गया है।
इसे बनाने वाले इंजीनियरिंग छात्र श्याम परसाणिया बताते हैं कि एक बार वे जब बीआरटीएस बस में बैठकर जा रहे थे। उस समय कोरिडोर में अन्य वाहन के आ जाने के चलते एक्सीडेंट हो गया, जिससे ट्रैफिक भी जाम हो गया। उस समय ऐसी सिस्टम बनाने का विचार आया कि अन्य वाहन कोरिडोर में घुसे ही नहीं।
जय पटेल ने बताया कि एआरयूडीयूएनओ, रेडियो फ्रिक्वेंस आईडेंडिफिकेशन, बजर, सर्वे मोटर, एलईडी का उपयोग किया है। सिस्टम के तहत बैरियर सिर्फ बस व इमर्जेंसी वाहनों के लिए ही खुलेगा। अन्य समय बंद रहेगा।
मेहुल धोराजिया का कहना है कि इसे विकसित करने में एक हजार रुपए से भी कम का खर्च हुआ है।
नीरव सोलंकी ने कहा कि इसका उपयोग न सिर्फ बीआरटीएस बल्कि मॉल एवं ऐसी जगहों पर किया जा सकता है, जहां वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करना है।
छात्रा गीता सिंह ने कहा कि इसे और भी विकसित किया जा सकता है। सिस्टम में कोई खराबी आए तो इसे हाथों से भी आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है।
छात्रों को मार्गदर्शन देने वाले
प्रोफेसर ए.एम.हक एवं एन.डी.मेहता ने बताया कि अहमदाबाद बीआरटीएस कोरिडोर में ८९ स्टॉप हैं, जिसमें २५० बसें दौड़ती हैं। कोरिडोर में अन्य वाहनों को प्रवेश करने से रोकने के लिए १९० गार्डों को लगाया है जो बारिश, धूप में भी तैनात रहते हैं। फिर भी कोई वाहन प्रवेश करता है तो ट्रैफिक होता है। इस सिस्टम से हादसों में और ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।