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पीडि़ता की साइकिल बरामद, दो सुरक्षा गार्ड हिरासत में

locationअहमदाबादPublished: Nov 25, 2021 10:45:13 pm

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

वडोदरा में सामूहिक बलात्कार का मामला
जांच के लिए दोनों के कपड़े एफएसएल में भेजे

पीडि़ता की साइकिल बरामद, दो सुरक्षा गार्ड हिरासत में

पीडि़ता की साइकिल बरामद, दो सुरक्षा गार्ड हिरासत में

फोटो – साइकिल

वडोदरा. शहर के एक मैदान पर नवसारी की मूल निवासी युवती से सामूहिक बलात्कार व वलसाड रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन से पीडि़ता का शव लटका मिलने के मामले जांच के दौरान पीडि़ता की साइकिल बरामद की है। दो सुरक्षा गार्ड को हिरासत में लेकर उनके कपड़े विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में जांच के लिए भिजवाए गए हैं।
रेलवे की पुलिस टीम ने शहर में ओपी रोड पर एक सोसायटी निवासी सुरक्षा गार्ड को पीडि़ता की साइकिल के साथ पकड़ा। जांच के दौरान वह साइकिल पीडि़ता की पाई गई। साइकिल का एक टायर भी मिला। दोनों टायर निकालकर एक टायर पड़ोस में कबाड़ की दुकान पर बेच दिया।
मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने मल्हार प्वाइंट के समीप एक सोसायटी के बंद बंगले में पेड़ के नीचे कचरे के ढेर से साइकिल बरामद की। वहां पर सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करने वाले एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। बंगले के समीप स्थित उसके मकान से तीन तिपहिया टेम्पो भी मिले हैं। एफएसएल से तीनों की जांच करवाई जाएगी। पुलिस टीम ने सुरक्षा गार्ड को हिरासत में लेकर बुधवार रात से पूछताछ शुरू की है।
पूछताछ में पता लगा कि उस सुरक्षा गार्ड को वारदात स्थल के समीप से साइकिल मिली, उसने बंगले में पेड़ के नीचे कचरे के ढेर में वह साइकिल छुपा दी थी और टायर निकाल दिए थे। पुलिस टीम ने इस जानकारी के आधार पर मौके पर वीडियोग्राफी कर पंचनामा तैयार किया। पुलिस टीम ने उसके अलावा एक निजी कंपनी में कार्यरत एक अन्य सुरक्षा गार्ड को भी हिरासत में लिया है।
250 शंकास्पद नंबरों, 500 रिक्शा चालकों का सत्यापन

शहर पुलिस की टीमों ने पीडि़ता के मकान के आस-पास के मोबाइल टावरों के डेटा प्राप्त कर डेढ़ लाख से अधिक फोन नंबरों की जांच कर 250 शंकास्पद नंबरों का सत्यापन करवाया है। फिलहाल डेटा का तकनीकी सत्यापन करवाया जा रहा है। पीडि़ता के कार्यस्थल एक स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) के कर्मचारियों की ओर से मोबाइल एप से रिक्शा मंगवाने के चलते कंपनियों के रिक्शा के डेटा लेकर निर्भय सवारी का डेटा प्राप्त कर 500 से अधिक रिक्शा चालकों का सत्यापन किया गया है।
शिकायतों पर एसीपी को सौंपी एनजीओ की जांच

पीडि़ता के कार्यस्थल एक स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) को पीडि़ता से बलात्कार की जानकारी होने के बावजूद परिजनों को सूचित नहीं करने का आरोप लगाया गया है। उस एनजीओ का पंजीकरण निरस्त करने और जांच करवाने की शहर के नागरिकों व संगठनों की ओर से शहर पुलिस आयुक्त डॉ. शमशेर सिंह से मांग की गई। इस पर शहर पुलिस की अपराध शाखा के सहायक आयुक्त डी.एस. चौहाण को जांच सौंपी गई है।
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