250 शंकास्पद नंबरों, 500 रिक्शा चालकों का सत्यापन शहर पुलिस की टीमों ने पीडि़ता के मकान के आस-पास के मोबाइल टावरों के डेटा प्राप्त कर डेढ़ लाख से अधिक फोन नंबरों की जांच कर 250 शंकास्पद नंबरों का सत्यापन करवाया है। फिलहाल डेटा का तकनीकी सत्यापन करवाया जा रहा है। पीडि़ता के कार्यस्थल एक स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) के कर्मचारियों की ओर से मोबाइल एप से रिक्शा मंगवाने के चलते कंपनियों के रिक्शा के डेटा लेकर निर्भय सवारी का डेटा प्राप्त कर 500 से अधिक रिक्शा चालकों का सत्यापन किया गया है।
शिकायतों पर एसीपी को सौंपी एनजीओ की जांच पीडि़ता के कार्यस्थल एक स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) को पीडि़ता से बलात्कार की जानकारी होने के बावजूद परिजनों को सूचित नहीं करने का आरोप लगाया गया है। उस एनजीओ का पंजीकरण निरस्त करने और जांच करवाने की शहर के नागरिकों व संगठनों की ओर से शहर पुलिस आयुक्त डॉ. शमशेर सिंह से मांग की गई। इस पर शहर पुलिस की अपराध शाखा के सहायक आयुक्त डी.एस. चौहाण को जांच सौंपी गई है।