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उना दलित के पीडि़त बौद्ध धर्म स्वीकारेंगे

locationअहमदाबादPublished: Jan 09, 2018 11:28:14 pm

Submitted by:

pradeep joshi

सात दलितों को बर्बरतापूर्ण पीटा था

अहमदाबाद. उना दलित प्रकरण के पीडि़त बौद्ध धर्म स्वीकार करेंगे। जुलाई 2016 में गिर सोमनाथ जिले की उना तहसील के मोटा समढियाला गांव में सात दलितों को बर्बरतापूर्ण पीटा गया था। इस घटना का वीडियो वाइरल होने के बाद देश भर में इस घटना की निंदा की गई थी। इस घटना के बाद चार दलितों को उना शहर लाया गया था जहां उन्हें वाहन से बांधकर उनके साथ मार-पीट की गई थी।
इस घटना के एक पीडि़त वशराम सरवैया का कहना है कि उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकारने का निर्णय लिया है क्योंकि उन्हें मृत जानवरों के चमड़े निकालने के अपने परंपरागत पेशे के कारण उन्हें काफी ज्यादा भेदभाव का सामना करना पड़ा है।
दलित परिवार के एक सदस्य ने कहा कि राज्य सरकार ने पीडि़तों को नौकरी व जमीन दिए जाने का वादा भी अब तक नहीं निभाया। फिलहाल बौद्ध धर्म स्वीकार करने की तारीख अभी तय नहीं की गई है, लेकिन उन्होंने अपने समुदाय के लोगों से कहा है कि वे साथ आएं और भारी संख्या में बौद्ध धर्म स्वीकार करेंगे।
सरवैया ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार ने विशेष अदालत का भी गठन नहीं किया। यह आश्वासन तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने दिया था।
उन्हें सरकार की ओर से तीन लाख रुपए दिए गए जो दलित पीडि़तों को प्रताडऩा के मामलों में दिए जाते हैं। इनमें से ज्यादा रकम अदालती खर्चों व दवाइयों के खर्च में लगे। इस घटना के आरोपियों को जमानत मिल गई है जो खूले घूम रहे हैं। उन्हें अब अपने घरों से निकलने में डर लगता है।
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गुजरात के उना में दलित पिटाई मामले में सीआईडी ने इस मामले में ४ पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है। इन पुलिसकर्मियों में एक पुलिस इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर और २ कॉन्स्टेबल शामिल है। सीआईडी ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि दलितो की पिटाई में पुलिस कर्मियों की मिली भगत है।

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