मुख्यमंत्री ने इस अभियान का और व्यापक स्तर पर विस्तार करने तथा स्वास्थ्य उप केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य स्टाफ की सेवाएं कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रत्येक गांव में अविरत मुहैया कराने के उद्देश्य से गुरुवार को गांधीनगर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी जिला विकास अधिकारियों (डीडीओ) और मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारियों (सीडीएचओ) के साथ वर्चुअल तरीके से समीक्षा बैठक की।
इस वर्चुअल बैठक में पंचायत राज्य मंत्री जयद्रथसिंह परमार, मुख्य सचिव अनिल मुकीम, स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव डॉ. जयंती रवि, ग्राम विकास विभाग के सचिव विजय नेहरा, स्वास्थ्य आयुक्त जयप्रकाश शिवहरे जुड़े थे।
रूपाणी ने जिला विकास अधिकारियों को जिला एवं तहसील स्तर पर टीम बनाकर गांवों में ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांवÓ अभियान के तहत शुरू किए गए सामुदायिक कोविड केयर सेंटर का दौरा करने और वहां रहने, खाने, पर्याप्त मात्रा में दवाइयों के स्टॉक, शुद्ध पेयजल और स्वच्छता सहित सारी सुविधाएं सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।
उन्होंने चेताया कि ऐसे सामुदायिक कोविड केयर सेंटर में आवश्यक प्राथमिक सुविधाएं बिना किसी विलंब के समय पर उपलब्ध हों इसके लिए तहसील विकास अधिकारी संबंधित जिले के विकास अधिकारी के सीधे मार्गदर्शन में सभी इंतजाम करें। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तक दवाइयां और चिकित्सा सेवाएं पहुंचाकर कोरोना मुक्त गांव का संकल्प हमें साकार करना है।
मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि ऐसे जरूरतमंद व्यक्तियों को मानक दवाइयों की किट उपलब्ध कराई जाए तथा सामुदायिक कोविड केयर सेंटर में उनके रक्तचाप (बीपी) और ऑक्सीजन के स्तर आदि की जांच हो तथा आवश्यकता पडऩे पर उपचार के लिए समय पर स्वास्थ्य केंद्रों में रेफर किया जाए।
उल्लेखनीय है कि ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांवÓ अभियान के तहत अब तक राज्य के 33 जिलों के गांवों में 1 लाख 20 हजार बेड की क्षमता के साथ 13,061 सामुदायिक कोविड केयर सेंटर शुरू किए जा चुके हैं।