script`पानी के लिए तरस रही है गुजरात की जनता’ | Water crisis in gujarat | Patrika News

`पानी के लिए तरस रही है गुजरात की जनता’

locationअहमदाबादPublished: May 21, 2019 10:17:08 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

कांग्रेस ने पानी के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरा

shailesh parmar

`पानी के लिए तरस रही है गुजरात की जनता’

अहमदाबाद. गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता शैलेष परमार ने राज्य में पानी की किल्लत को लेकर राज्य की भाजपा सरकार को घेरते कहा कि नर्मदा योजना, सौनी योजना, सुजलाम-सुफलाम योजना, जलसंचय योजना पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, लेकिन गुजरात की जनता पानी के लिए तरस रही है। गुजरात की 156 तहसीलों में से पानी कम बरसा था, जिसमें सिर्फ 51 तहसीलों को ही अकाल प्रभावित घोषित किया गया। जबकि 105 तहसीलों को अकालग्रस्त घोषित नहीं करके राज्य सरकार ने अन्याय किया है। परमार ने मंगलवार को जारी बयान में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राज्य के ज्यादातर इलाकों में पानी की किल्लत की समस्याएं सामने आ रही हैं। राज्य सरकार एक ओर टैंकर फ्री गुजरात की बातें करती है तो दूसरी टैंकरों से पानी पहुंचाने की घोषणाएं की जाती हैं। भाजपा सरकार की नीति के चलते ही नर्मदा बांध को छोड़कर ज्यादातर तालाबों या बांधों में पानी कम है। उन्होंने 30 सितम्बर 2018 तक की स्थिति का हवाला देते कहा कि पिछले पांच वर्षों में राज्य में 5841 शिकायतें राज्य सरकार को मिली थीं। राज्य के गांवों में हैण्डपम्पों के जरिए जलापूर्ति के दावे भाजपा सरकार ने किए थे, लेकिन 15 हजार 757 हैण्डपम्प बंद हालत में हैं। हालात यह है कि इन पम्पों की मरम्मत भी नहीं हो सकती। यदि राज्य सरकार ने यहां नए हैण्डपम्प लगाए होते तो गांवों की ये हालत नहीं होती। नए हैण्डम्पों के बजाय राज्य सरकार ने उत्सवों पर करोड़ों रुपए खर्च किए। राज्य में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 में नए 113 तालाब बनाने थे, लेकिन 73 कार्य पूर्ण हुए। 40 तालाब अभी बनाने बाकी है।
परमार ने सुजलाम-सुफलाम और सौनी योजना में सबसे बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाते कहा कि सौनी योजना के तहत नर्मदा के जल से सौराष्ट्र के तालाबों को भरने के लिए 6 फरवरी, 2013 को 10 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी और 9 अप्रेल, 2013 और 10 अप्रेल 2013 को प्रशासनिक तौर पर मंजूरी मिली, जिसमें 1263 किलोमीटर लम्बी की मुख्य पाइप लाइन बिछाई जानी थी, लेकिन सिर्फ सितम्बर 2018 तक 384.29 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई गई और 10, 581 करोड़ रुपए खर्च हुए। इसके बावजूद सौराष्ट्र की जनता पानी के लिए तरस रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो