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Ahmedabad news : यहां शिवलिंग से निरंतर बहता है पवित्र जल

locationअहमदाबादPublished: Sep 15, 2019 10:25:10 pm

Submitted by:

Gyan Prakash Sharma

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Ahmedabad news : यहां शिवलिंग से निरंतर बहता है पवित्र जल

Ahmedabad news : यहां शिवलिंग से निरंतर बहता है पवित्र जल

आणंद. आणंद-बोरसद मार्ग पर आणंद तहसील के जिटोडिया गांव में प्राचीन वैजनाथ महादेव मंदिर स्थित स्वयंभू शिवलिंग से पवित्र जल निकलता है। हजारों वर्ष से बहने वाले इस जल का रहस्य अभी बरकरार है। यह प्राचीन मंदिर करीब १०१७ वर्ष पुराना है।
यहां भीम ने की थी पूजा :


पौराणिक कथाओं के अनुसार अभी का जिटोडिया गांव जहां वसा है, वह स्थल वर्षों पूर्व हिंडबा वन के रूप में प्रसिद्ध था। उस समय भीम ने हिंडबा से विवाह किया और इसी वन में उनके साथ रहते थे। बताते हैं कि भीम ने शिव की आराधना करने के लिए शिवलिंग की तलाश की थी, तो झांडिय़ों के बीच में यह शिवलिंग मिल था, जिसकी भीम ने पूजा-अर्चना की थी। समय गुजरता गया और शिवलिंग पुन: जमीन में दब गया था।

अपने आप निकलता था गाय का दूध


मंदिर के पुजारी तिलकभाई गोस्वामी के अनुसार ई.स. १२१२ में गुजरात में राजा सिद्धार्थ जयसिंह सोलंकी के शासन में एक ग्वाले की गाय हमेशा एक स्थल पर जाती और उसके थनों से अपने आप दूध निकल जाता था। ग्वाले ने इस संबंध में साथियों को बताया तो सभी ने उस स्थल पर खुदाई की, जहां एक शिवलिंग निकला था। खुदाई के दौरान चोट लगने के कारण शिवलिंग पर निशान हो गए और उन छिद्रों से धीरे-धीरे पानी निकलने लगा, जिसे देखकर सभी स्तब्ध रह गए। यह बात राजा तक पहुंची तो उन्होंने शिवलिंग को पाटण के सहस्त्रलिंग तालाब में ले जाने का प्रयास किया था। बाद में शिवभक्त माता मिनलदेवी को महादेव ने सपने में आदेश दिया कि यह शिवलिंग भगवान शिव की अमूल्य भेंट है, इसमें से जो जल बहता है वह गंगा जल जितना पवित्र है। इसलिए इस शिवलिंग की तोडफ़ोड़ नहीं करें और जिस स्थल से निकला है , उसी स्थल पर इसका निर्माण कराया जाए। ऐसे में राजा सिद्धार्थ ने १२१२ में शिवालय बनवाया था।
मंदिर को बचाने के लिए साधु-संतों ने दिया था बलिदान


मुगल शासन में वैजनाथ महादेव को तोडऩे का प्रयास किया था। ऐसे में मंदिर को बचाने के लिए गोसाई व साधु-संतों ने बलिदान दिया था, जिसकी समाधि मंदिर के निकट बनी हुई हैं। मंदिर की सीढिय़ां चढ़ते ही दाहिनी ओर मंदिर को बचाने के लिए बलिदान देने वाले गोसाई व साधु-संतों की ७५ समाधि हैं। इसके अलावा, मंदिर परिसर में भैरवनाथ, जादुई हनुमंत, जलाराम बापा, साईंबाबा, शनिदेव व संतोषी माता का मंदिर भी है।

पानी का रहस्य अभी भी बरकरार


जिटोडिया स्थित वैजनाथ महादेव मंदिर में शिवलिंग से बहते पानी का रहस्य अभी भी बरकरार है। इस रहस्य को जानने के लिए ई.स. १९०३ में खेड़ा के तत्कालीन कलक्टर ने पुरातत्व विभाग की मदद से जल वैज्ञानिकों को बुलाकर जांच कराई थी, जिसमें सामने आया कि यह पानी गंगा नदी के पानी जैसा ही शुद्ध था। अनेक वर्षों बाद भी प्रकृति की इस करिश्मा को कोई जान नहीं सका। अभी भी शिवलिंग से पानी निकलता है।
यह शिवलिंग जमीन से तीन फीट ऊंचा है। शिवलिंग के अग्रभाग में २५ छोटे-बड़े छिद्र हैं। मध्य का छिद्र डेढ़ इंच व्यास का है। इन छिद्रों में से गंगाजल जैसा शुद्ध जल लगातार बहता है।
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