scriptवडोदरा में भरा पानी तीसरे दिन कम होना शुरू | Water in Vadodara begins to subside on the third day | Patrika News

वडोदरा में भरा पानी तीसरे दिन कम होना शुरू

locationअहमदाबादPublished: Aug 02, 2019 11:53:31 pm

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

सवेरे से धूप के बाद दोपहर में फिर शुरू हुई बारिश

Water in Vadodara begins to subside on the third day

वडोदरा में भरा पानी तीसरे दिन कम होना शुरू

वडोदरा. करीब 48 घंटे से पानी में डूबे 90 प्रतिशत वडोदरा शहर में भरा बारिश व विश्वामित्री नदी का पानी शुक्रवार को तीसरे दिन कम होना शुरू हुआ। हालांकि शुक्रवार सवेरे से बारिश बंद रही, आसमान में प्रकट हुए सूर्यदेव ने धूप के दर्शन भी करवाए, लेकिन दोपहर में आसमान में पुन: बादल छा गए और तेज बारिश शुरू हो गई।
सूत्रों के अनुसार बुधवार व गुरुवार को 20 इंच से अधिक बारिश होने और आजवा झील (सरोवर) से विश्वामित्री नदी में पानी छोडऩे के कारण 90 प्रतिशत शहर में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए। शुक्रवार सवेरे से बारिश थमने कारण सयाजीगंज, स्टेशन रोड, कीर्ति मन्दिर, रावपुरा, कालाघोड़ा, कारेलीबाग आदि क्षेत्रों में पानी कम होना शुरू हुआ। इसके बावजूद शहर के समा-सावली, वडसर, डभोई-वाघोडिय़ा रिंग रोड़, मांजलपुर के मूज-महुड़ा, आजवा रोड पर सरदार एस्टेट सहित अनेक क्षेत्रों में घुटने तक पानी भरा रहा।
गुरुवार रात से विश्वामित्री नदी का जलस्तर घटकर 34 फीट होने के बाद शुक्रवार सवेेरे 9 बजे 33 फीट और दोपहर में 12 बजे के करीब 32.5 फीट हो गई। इसी प्रकार आजवा झील के जलस्तर में भी कमी हुई, शुक्रवार दोपहर 12 बजे इसका जलस्तर 212.20 फीट हो गई। वडोदरा के पूर्वी व पश्चिमी क्षेत्रों को जोडऩे वाले कालाघोड़ा ब्रिज को वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया गया। वडोदरा स्टेशन परिसर व बस स्टेंड परिसर में फंसे लोगों को सेना की टीमों ने बाहर निकाला। स्टेशन से यात्रियों को सेना के वाहनों से कालाघोड़ा तक पहुंचाया गया।
शहर के समा-सावली रोड स्थित एक निजी अस्पताल में पिछले 3 दिन से फंसे रोगियों को एनडीआरएफ की टीम ने शुक्रवार सवेरे बचाकर अन्य अस्पताल पहुंचाया। विश्वामित्री नदी के किनारे स्थित निजी अस्पताल में पानी भरने के कारण रोगी व स्टॉफकर्मी पिछले 3 दिन से अस्पताल में फंसे थे। एनडीआरएफ की टीम ने शुक्रवार सवेरे बचाव कार्य किया। रस्सा बांधकर रोगियों को अस्पताल से बाहर निकाला और आपातकालीन सेवा 108 की एम्बुलेंस से अन्य अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल के स्टॉफ को भी बाहर निकालकर नाव के जरिये सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
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