scriptपूर्वीजोन के दो वार्डों में आज रहेगी जलापूर्ति बाधित | Water supply will be obstructed in two wards of eastern zone today | Patrika News

पूर्वीजोन के दो वार्डों में आज रहेगी जलापूर्ति बाधित

locationअहमदाबादPublished: Sep 09, 2018 04:27:31 pm

Submitted by:

Gyan Prakash Sharma

पाइप लाइन पर फ्लोमीटर कार्य के चलते राजकोट में जलापूर्ति ठप

Water supply interrupted

पूर्वीजोन के दो वार्डों में आज रहेगी जलापूर्ति बाधित

राजकोट. पाइप लाइन पर स्काडा फेज-३ के तहत फ्लोमीटर लगाने के कार्य के चलते शहर के दो वार्डों में सोमवार को जलापूर्ति बाधित रहेगी। जलापूर्ति ठप रहने के कारण करीब एक लाख लोग प्रभावित होंगे।
राजकोट महानगर पालिका (मनपा) की ओर से एक बार फिर जलापूर्ति कटौती करने की घोषणा शनिवार को की है। जिसके अनुसार सोमवार को पूर्वीजोन के दूध सागर पंपिंग स्टेशन में शामिल वार्ड-६ एवं १५ में शामिल क्षेत्रों में जलापूर्ति बंद रहेगी।
मनपा की वाटर वक्र्स शाखा के अनुसार दूध सागर पंपिंग स्टेशन में सोमवार को आजी फिल्टर प्लांट से आ रही पाइप लाइन पर स्काडा फेज-३ के तहत फ्लोमीटर लगाने का कार्य किया जाएगा, जिसके कारण दूध सागर पंपिंग स्टेशन आधारित वार्ड-६ एवं १५ में जलापूर्ति बंद रहेगी।

सोमा ने किया नाफेड की मूंगफली खरीदने का बहिष्कार
राजकोट. सौराष्ट्र ऑइल मिल एसोसिएशन (सोमा) की ओर से नाफेड की मूंगफली नहीं खरीदने का निर्णय लिया गया है। सोमा की ओर से किए गए बहिष्कार में करीब २०० मिल संचालक व मूंगफली के २५० व्यापारी जुड़े हैं। ऐसे में नाफेड के पास रखी साढ़े पांच टन मूंगफली की दो महीने में बिक्री कैसे हो, यह एक समस्या पैदा हो गई है। नाफेड ने सोमा एवं व्यापारियों ने बहिष्कार का निर्णय वापस लेने की अपील की है, लेकिन व्यापारी एवं मिल मालिक आंदोलन के मूड में होने की जानकारी मिली है।
सोमा के अध्यक्ष समीरभाई शाह के अनुसार कुछ समय पूर्व नाफेड के अधिकारियों के साथ मिल मालिक व व्यापारियों की बैठक हुई थी, जिसमें नाफेड से सिस्टम सुधारने के मामले में चर्चा हुई थी, इसके बावजूद समस्याओं का हल नहीं हुआ। दो महीने के बिल अभी भी बाकी है और डिलीवरी समय पर नहीं मिलती है। पुरानी समस्याएं अभी हल नहीं हुई है। ऐसे में नाफेड ने बेज रेट डिक्लेयर करने का अपना सिस्टम बंद कर दिया, जिससे मिल मालिक व व्यापारियों के लिए मूंगफली खरीदना मुश्किल हो रहा है।
शाह के अनुसार बेज रेट डिक्लेयर नहीं होने के कारण किस गोदाम में क्या भाव का टैंडर भरा गया है, इसकी कोई जानकारी नहीं मिलती। जब तक इस नीति में फेरबदल नहीं होगा, तब तक हम माल खरीदना नहीं चाहते।
दूसरी ओर, नाफेड के पदाधिकारियों का कहना है कि बेज रेट घोषित नहीं करने की निती के समय में निर्णय लिया गया है और समग्र राष्ट्र में यह नीति अमल में हो रही है। मिल मालिक एवं व्यापारी आंदोलन के मूड में होने से नाफेड ने शुक्रवार को अहमदाबाद में कंट्रोल रूम शुरू कर किया है, लेकिन बेज रेट की नीति में फेरबदल नहीं हो तो इस समस्या का निराकरण लाने की संभावना कम है। अप्रेल महीने में नाफेड के पास मूंगफली का जत्था था, उसमें से पौने पांच लाख टन माल आगामी आगामी दो महीने में बेचने की बड़ी समस्या है। दिवाली के बाद नए माल की आवक शुरू हो जाएगी, जिसको देखते हुए दो महीने में पुराने माल को निकाले की समस्या बनी हुई है।
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