पति की हत्या में पत्नी व उसका प्रेमी गिरफ्तार
अहमदाबादPublished: Feb 22, 2018 04:53:47 pm
एलसीबी ने देत्रोज में हुई हत्या की गुत्थी सुलझाई, चार बच्चों की मां के प्रेम में आड़े आ रहा था पति
अहमदाबाद. देत्रोज में पांच दिन पहले 17 फरवरी को लकड़ी की दुकान के पास एक झोपड़े में हुई धनाभाई रावल (४५) की हत्या के आरोप में उसकी पत्नी कैलाशबेन रावल (४२) और उसके प्रेमी करण उर्फ विक्रम ठाकोर (३०) को जिले की स्थानीय अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया। चार बच्चों की मां कैलाश बेन के अवैध प्रेम संबंध में पति के आड़े आने से उसने प्रेमी के साथ मिलकर षडयंत्र के तहत हत्या कर दी।
एलसीबी के अनुसार इस मामले की शिकायत दर्ज कराने वाली कैलाशबेन रावल पर पुलिस को पहले से ही शंका थी। उसके बारे में पता चला कि वह दो साल पहले भी पति धनाभाई की हत्या की सुपारी ५००० रुपए में दे चुकी थी। सुरेन्द्रनगर के वढवाण गांव की रहने वाली कैलाश का पहला विवाह विरमगाम के मोटा गौरैया गांव में हुआ था। लेकिन पति से झगड़ा होने पर वह वहां से भाग आई। इसके ध्रांगध्रा के एक ठाकोर के साथ मौखिक विवाह करके कुछ समय तक रही। करीब दस सालों से धनाभाई के साथ मैत्री करार करके पति-पत्नी की तरह रह रही थी। इस दौरान धनाभाई से उसे दो पुत्रियां व दो पुत्र यानि चार बच्चे भी हुए हैं।
करीब दो तीन महीने पहले बकरियां चराने के दौरान कैलाश की मुलाकात महेसाणा जिले के मेऊ गांव निवासी हाल देत्रोज में रहने वाले ऊंट चराने वाले कनू उर्फ करण उर्फ विक्रम ठाकोर से हुई। दोनों करीब आ गए। इनके प्रेम में पति आड़े आ रहा था। पति धनाभाई ने वह जिस झोपड़ी में रह रहा था। वह जमीन बेच दी थी। उसे खाली करना था। कैलाश ने पति की हत्या का षडयंत्र रचा और इसका आरोप जमीन दलाल जिसने उसके झोपड़े की जमीन खरीदी है उस पर लगाने का तय किया। जमीन खाली कराने के लिए जमीन दलाल कुकावाव निवासी महेन्द्र सिंह सोलंकी पर लगा दिया।
टेक्निकल जांच में पता चला कि हत्या के दौरान महेन्द्र सिंह की उपस्थित घटनास्थल व उसके आसपास नहीं थी। कैलाशबेन पर शंका थी। इस आधार पर जांच करके पूछताछ करने पर कैलाश ने आरोप कबूल लिया। इसमें बताया कि षडयंत्र के तहत उसने प्रेमी विक्रम को दो दिन पहले उसके गांव भेज दिया। घटना वाले दिन १७ फरवरी की रात को उसने तीन चार पाई बिछाई। रोड की तरफ पति की रखी फिर अपनी और फिरबच्चों की चारपाई बिछाई। जब पति, बच्चे सो गए।तब फोन करके प्रेमी विक्रम को बुलाया। विक्रम रात को ही आकर घर के पास छिप गया था। कैलाश की ओर से इशारा होते ही उसने पास से एक डंडा लेकर निद्रादीन धनाभाई के मुंह पर मार दिया। आवाज ना हो इसलिए कैलाशबेन ने धनाभाई के मुंह पर तकिया दबा लिया था। साथ ही उसने पहले से ही धनाभाई के खाट के पास लोहे की कॉस रखी थी। जिस ओर इशारा करके विक्रम को बताया जिससे विक्रम ने सिर पर कॉस से दो वार करके धनाभाई की हत्या कर दी और फरार हो गया। कैलाश नेषडयंत्र के तहत महेन्द्रसिंह पर आरोप लगा दिया।