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#मदर्स_डे_स्पेशलः मां से बढ़कर हैं हमारे पापा

locationअहमदाबादPublished: May 13, 2017 08:24:00 pm

Submitted by:

​Vineet singh

कैंसर ने मां को छीन लिया… मानो लगा जैसे पूरी दुनिया ही खत्म हो गई… सोच-सोच कर बुरा हाल था कि अब हर रोज कौन देखभाल करेगा… उनके दुलार की भरपाई कैसे होगी। उसी रोज से पापा ने मां की जगह भी ले ली। अपना काम तो करते ही थी, मां वाले सारे काम भी उन्होंने संभाल लिए। गर्व है पापा कि वो मां से कम नही।

Father brought children as mothers

Father brought children as mothers

मां की मृत्यु के बाद हम सदमे में थे। किसी अपने को खोने से ज्यादा सदमा इस बात का लगा था कि अब हमारी देखभाल कौन करेगा। कौन सुबह जगाएगा… कौन नहलाएगा… खाना खिलाएगा… स्कूल के लिए तैयार करेगा और तमाम वो बातें जो सिर्फ मां के साथ साझा कर सकते थे अब किसके साथ करेंगे, लेकिन आज हमें गर्व है अपने पापा पर… जिन्होंने मां बनकर वो सब किया जो हमारे लिए हर पल जरूरी था। वाकई किसी मां से कम नहीं है हमारे पापा। 
शास्त्री नगर निवासी निष्ठा और वैभव के सिर से कुछ साल पहले मां सुनीता का साया उठ गया। कैंसर की चपेट में वह ऐसी आई कि लाख कोशिशों के बावजूद बचाया ना जा सका। निष्ठा और वैभव कहते हैं कि हमें उम्मीद थी कि हमारी ममता के आगे बीमारी हार जाएगी, लेकिन हम गलत साबित हुए। हर जरूरत, हर शिकवा और शिकायत हम मां से ही करते थे और वही हमारी हर परेशानी का आखिरी हल थी, इसलिए उनके जाने के बाद मानो हम अपंग हो गए हों। 
मां बन गए पापा 

वक्त के साथ ही जिंदगी गुजरने लगी, लेकिन एक दिन आभास हुआ कि कोई तो है जिसने मां की जगह ले ली है। बिना कुछ कहे-सुने वो मां की तरह रात भर जाग रहा है। हमें खाना खिलाने के बाद खा रहा है। हमें सुलाने के बाद सो रहा है। हर वो काम कर रहा है जो मां करती थी। जवाब था, पापा अनुराग मलिक। पिता की जिम्मेदारियां निभाने के साथ ही मां का दुलार देने में उन्होंने कोई कमी नहीं छोड़ी। हमें दुनिया के सारे सुख देने के लिए वह हर परेशानी झेलने को तैयार रहते। 
तुम सा कोई नहीं पापा 

उनकी तपस्या के सामने बेहद छोटा शब्द लगता है थैंक्स, लेकिन वह इसके असली हकदार हैं। निष्ठा कहती हैं कि जयपुर से बीबीए करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए लंदन जा रही हूं तो सिर्फ पापा की वजह से। वैभव को भी उन्होंने इस लायक बना दिया कि बीएमएस करने मुम्बई यूनिवर्सिटी जा रहा है। मां की तो हर पल याद आती है, लेकिन यह वाला मदर्स डे हम अपने पापा को समर्पित करना चाहते हैं, क्योंकि किसी मां से कम नहीं है हमारे पापा। 
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