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ऐसा स्टेशन जहां सवा सौ साल से महिला कुली!

locationअहमदाबादPublished: May 12, 2019 09:49:26 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

भावनगर रेलवे स्टेशन

woman porter

ऐसा स्टेशन जहां सवा सौ साल से महिला कुली!

भावनगर. ‘सारी दुनिया का बोझ हम उठाते हैं लोग आते हैं, लोग जाते हैं हम वहीं खड़े रह जाते हैं…Ó ये गीत की पंक्तियां फिल्म कुली की। ये भावनगर रेलवे स्टेशन पर महिला कुली (महिला सहायक) पर सटीक बैठती हैं, जहां सवा सौ से ज्यादा वर्षों महिला सहायक तैनात हैं। जहां महिला सशक्तिकरण को अब बढ़ावा देने की बातें होती हैं, लेकिन भावनगर के तत्कालीन महाराजा कृष्ण प्रतापसिंह ने वर्ष 1880 में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की पहल की थी और भावनगर रेलवे स्टेशन पर उन महिला कुलियों को बेज दिए थे।
भावनगर ही ऐसा रेलवे स्टेशन है जहां सिर्फ महिला कुलियों को ही तैनात किया जाता था। मौजूद समय में इस रेलवे स्टेशन पर आठ महिला सहायक (कुली) हैं। जो महिला सहायक तैनात हैं उनमें सबसे बुजुर्ग 80 वर्ष की लक्ष्मीबेन गोविंदभाई और मंगुबेन जीवाभाई हैं तो सोमीबेन मोहनभाई (65), हरीबेन जयकिशनभाई (60), कंचनबेन त्रिभुवनभाई (58), जयश्रीबेन मनोजभाई वाला (44) और अरुणाबेन बालूभाई गोहिल (40) और लताबेन करसनभाई चुड़ास्मा (36) हैं। मंगूबेन तो पिछले पचास वर्षों से महिला सहायक के तौर पर ड्यूटी दे रहे हैं।
एक अधिकारी के मुताबिक भावनगर के तत्कालीन महाराजा कृष्ण प्रतापसिंह ने महिला कुलियों की तैनाती की परम्परा की शुरुआत की थी। इसका मकसद था महिलाओं को भी आर्थिक तौर पर सक्षम बनाना है। ये परम्परा अभी भी बरकरार है। करीब 35-40 महिला सहायक थी, लेकिन अब सिर्फ आठ ही लाइसेंसधारी महिला कुली हैं।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन महाराजा कृष्ण प्रतापसिंह ने जिन महिला कुलियों को बैज आवंटित कराए थे, उन महिला कुलियों के बाद ये बेज उनकी बेटी या फिर बहू का आवंटित कर दिया जाता था। यह सिलसिला अभी भी बरकरार है। पिछले एक दशक से महिला कुलियों की संख्या में कमी आई है। इसके चलते अब पुरुष कुलियों की भी तैनात किए जा रहे हैं।
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