शारीरिक मजबूती, इच्छाशक्ति से जीती कोरोना से जंग : नंदिनी
कोरोना वॉरियर बनी कोरोना विनर
राजेश भटनागर अहमदाबाद. कोरोना से संक्रमित होने के बाद दवाइयों के साथ ही शारीरिक मजबूती व मजबूत इच्छाशक्ति के सहारे कोरोना से जंग जीतना संभव है। एक इंटरनेशनल स्वयंसेवी संस्था की जिला पदाधिकारी व समाजसेवी नंदिनीबेन एन. रावल स्वयं कोरोना वॉरियर होने के साथ ही समाजसेवा के कार्य के दौरान कोरोना विनर बन गई।
पिछली 25 अक्टूबर को दशहरे के दिन दोपहर में संस्था के पांच साथियों के साथ संस्था के एक प्रोजेक्ट के तहत एक अस्पताल में मास्क पहनकर बच्चों को ड्राई फ्रूट आदि वितरित करने गईं। वितरण कार्य के बाद आरती के दौरान करीब डेढ़ सौ लोग एकत्र हुए। वहां से लौटकर गाइडलाइन के अनुरूप शारीरिक स्वच्छता के नियम का पालन करने के बावजूद तीसरे दिन 28 अक्टूबर की शाम को बुखार आया, शारीरिक कमजोरी, हाथ-पांव व जोड़ों में असहनीय दर्द शुरू हुआ।
अब तक किसी भी बीमारी से पीडि़त नहीं होने के बावजूद असामान्य लगने पर जांच करने पर 100.5 डिग्री बुखार आया। पीडि़त होने के अगले दिन यानी 29 अक्टूबर की सवेरे इन्फलेमेटरी मार्करों की जांचों के साथ चिकनगुनिया, डेंगू की औरआरटी पीसीआर जांच करवाई। रक्त की सभी जांच रिपोर्ट सामान्य आई लेकिन, आरटी पीसीआर की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई।