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Hypertension: 21 फीसदी महिलाओं, 24 प्रतिशत पुरुष को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या

locationअहमदाबादPublished: May 16, 2022 10:39:53 pm

World hypertension day 21 percent indian women hypertensive वल्र्ड हाइपरटेंशन डे पर आज विशेष, बच्चे और युवा भी इसकी गिरफ्त में, गांव से ज्यादा शहरों में और दक्षिण भारत के लोग ज्यादा शिकार, गुजरात में करीब 20 प्रतिशत लोगों को यह परेशानी, National family health survey 5, Gujarat

Hypertension: 21 फीसदी महिलाओं, 24 प्रतिशत पुरुष को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या

Hypertension: 21 फीसदी महिलाओं, 24 प्रतिशत पुरुष को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या

नगेन्द्र सिंह

अहमदाबाद. World hypertension day देश में होने वाली मौतों में से 65 फीसदी मौतें गैर संचारी रोगों के चलते होती हैं, जिसमें उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन) प्रमुख कारणों में से एक है। अमूमन हाई ब्लड प्रेशर बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती हैै लेकिन अब ये बच्चों और युवाओं को भी अपनी गिरफ्त में ले रही है। 15 से 19 आयु वर्ग की 3.3 फीसदी बच्चियों और 4.6 प्रतिशत बच्चों को हाई ब्लड प्रेशर है। 15 साल से अधिक आयु वर्ग की 21 फीसदी महिलाएं और 24 फीसदी पुरुष को यह समस्या है। 39 प्रतिशत महिलाएं और 49 प्रतिशत पुरुष प्री-हायपर सेंसिटिव हैं।
यह तथ्य राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5(एनएफएचएस-2019-21) की रिपोर्ट में सामने आए हैं। गांवों से ज्यादा शहरों के और पूर्वोत्तर, पश्चिमी राज्यों से ज्यादा दक्षिण भारत के लोगों में यह समस्या अपेक्षाकृत अधिक है। शहरों में बसने वाले 23.6 प्रतिशत लोग और ग्रामीण क्षेत्र के 20.2 प्रतिशत लोगों को हाइपर टेंशन है। यानि उनका ब्लडप्रेशर 140/90 व उससे अधिक रहता है।

सिक्किम में सर्वाधिक समस्या
सर्वे में सामने आया कि देश में सबसे ज्यादा सिक्किम की 35.4 महिला और 41.6 फीसदी पुरुष इस बीमारी के शिकार हैं। पंजाब में 31.2 फीसदी महिलाएं और 37.7 फीसदी पुरुष और Gujarat में 20.5 फीसदी महिलाओं और 20.3 फीसदी पुरुषों को यह समस्या है। राजस्थान में 17.9 फीसदी पुरुष और 15.3 फीसदी महिलाओं तथा मध्यप्रदेश में 20.6 फीसदी महिलाओं और 22.7 फीसदी पुरुषों को यह परेशानी है।

67 फीसदी महिलाओं, 54 फीसदी पुरुषों ने कभी नहीं मापी बीपी
चौंकाने वाली बात है कि 67 प्रतिशत महिलाओं और 54 प्रतिशत पुरुषों का सर्वे से पहले ब्लडप्रेशर ही नहीं मापा गया था। 12 फीसदी महिलाओं और 9 फीसदी पुरुषों ने कहा कि इससे पहले उन्हें एक दो बार डॉक्टरों ने कहा था कि तुम्हे हाइपरटेंशन है।

इस आयु वर्ग में 8 में से एक महिला को यह समस्या
सर्वे के अनुसार 30-39 आयु वर्ग की हर आठ में से एक महिला को हाई बीपी है। हर 5 में से एक पुरुष इसका शिकार है। जबकि 40-49 आयु वर्ग में 49 प्रतिशत महिला और पुरुष को हाई बीपी है। मोटे पुरुषों में 40 फीसदी और मोटी महिलाओं में से 28 फीसदी को यह समस्या है। 20-24 साल की 4.7 प्रतिशत युवतियां, 8.7 प्रतिशत युवक, 25-29 साल की 6.7 फीसदी युवतियां, 12 फीसदी युवक भी इससे जूझ रहे हैं। 50-54 आयु वर्ग में 36 फीसदी महिलाएं और करीब इतने ही पुरुष को यह समस्या है। 55-59 आयु वर्ग में भी 40 फीसदी महिलाएं और पुरुष, 60-69 आयु वर्ग में 49 फीसदी महिलाएं, 43 फीसदी पुरुष तथा 70 साल से अधिक आयु वर्ग में 56 फीसदी महिलाएं और 49 फीसदी पुरुष को यह परेशानी है।

सिर्फ 7 फीसदी महिलाएं, 6 फीसदी पुरुष ले रहे हैं दवा
एनएफएचएस के मुताबिक जिन लोगों को हाई बीपी होने की बात सामने आई है उनमें से केवल 7 फीसदी महिलाएं और छह फीसदी पुरुष ही दवाई का सेवन कर रहे हैं। जबकि चिकित्सकों का कहना है कि दवाई लेने में कोताही नहीं बरतनी चाहिए। हाई बीपी को दवाई के साथ-साथ जीवनशैली, खानपान में बदलाव के जरिए ही नियंत्रित रखा जा सकता है।


खान-पान, रहन-सहन में बदलाव बड़ी वजह
बच्चे भी हाई बीपी के शिकार हो रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह खान-पान और रहन-सहन में बदलाव है। जंकफूड, बाहर खाना, खेलकूद की कमी, काम का दवाब, पारिवारिक दवाब-बच्चों से लेकर सभी आयु वर्ग में इस समस्या का प्रमुख कारण है। बच्चों में आनुवांशिक कारण भी एक वजह है। नियमित व्यायाम, योग, प्राणायाम करने और घर के खाने, कम तले भोजन को प्राथमिकता देने से इसे नियंत्रित रखा जा सकता है। यह समस्या लगातार रहने पर हार्ट, किडनी, ब्रेन स्ट्रोक, आंखों की समस्याएं हो सकती हैं।

-डॉ.प्रवीण गर्ग, फिजीशियन, अहमदाबाद

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