नई महामारी से कम नहीं है फेटी लिवर
डॉ. बोहरा ने कहा कि देश में लिवर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बदलती जीवनशैली की वजह से युवाओं में भी फेटी लिवर नामक समस्या लगातार बढ़ रही है। फेटी लिवर लिवर सिरोसिस जैसे गंभीर रोग को जन्म देता है जो खतरनका है। इन्हीं रोगियों में कुछ को लिवर कैंसर होने की आंशका होती है।
डॉ. बोहरा ने कहा कि देश में लिवर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बदलती जीवनशैली की वजह से युवाओं में भी फेटी लिवर नामक समस्या लगातार बढ़ रही है। फेटी लिवर लिवर सिरोसिस जैसे गंभीर रोग को जन्म देता है जो खतरनका है। इन्हीं रोगियों में कुछ को लिवर कैंसर होने की आंशका होती है।
शहर में 30 व रूरल में 25 फीसदी को फेटी लिवर
डॉ. बोहरा के अनुसार लोगों के रहने के बदले तौर तरीकों के कारण फेटी लिवर की समस्या इतनी तेजी से बढ़ी है कि शहरों में यह समस्या 30 फीसदी तो ग्रामीणों में 25 फीसदी तक देखी जा सकती है। इतना ही नहीं मधुमेह के साथ-साथ मोटापे के शिकार लोगों में यह समस्या 65 से 70 फीसदी तक है। फेटी लिवर वालों को चाहिए कि वे समय पर फाइब्रोसिस की जांंच (फाइब्रोस्कैन) कराएं। यह जांच कुछ ही मिनट में हो सकती है।
डॉ. बोहरा के अनुसार लोगों के रहने के बदले तौर तरीकों के कारण फेटी लिवर की समस्या इतनी तेजी से बढ़ी है कि शहरों में यह समस्या 30 फीसदी तो ग्रामीणों में 25 फीसदी तक देखी जा सकती है। इतना ही नहीं मधुमेह के साथ-साथ मोटापे के शिकार लोगों में यह समस्या 65 से 70 फीसदी तक है। फेटी लिवर वालों को चाहिए कि वे समय पर फाइब्रोसिस की जांंच (फाइब्रोस्कैन) कराएं। यह जांच कुछ ही मिनट में हो सकती है।
लिवर रोग के लक्षण डॉ. बोहरा के अनुसार लिवर रोग के विविध लक्षण हैं लेकिन कई बार लक्षण भी सामने नहीं आते हैं। आमतौर पर भूख नहीं लगना, थकान, वजन कम होना, उल्टी होना, पीलिया हो जाना, पेट फूलना, पैरों में सूजन आना, उल्टी में खून आना, हल्का बुखार रहना, नींद नहीं आना या बहुत ज्यादा नींद आना चिड़चिड़ापन होना आदि हैं। इन लक्षणों के होने पर चिकित्सकों का संपर्क किए जाने की सलाह दी गई है।