पुत्र को जीवनदान देने वाले हमारे लिए भगवान
हर्ष की मां का कहना है कि पुत्र को जीवन देने वाले हमारे लिए भगवान हैं। आज उनकी वजह से ही पुत्र उनके सामने है और वह शारीरिक और मानसिक पीड़ा से मुक्त हो गया। स्वस्थ होने के कारण अब पढ़ाई का स्तर भी सुधर गया। वे मानती हैं कि जिन परिवार ने उनके लाड़ले को जीवन दिया है वह परिवार उनके अपने खून के रिश्ते से भी निकट है।
हर्ष की मां का कहना है कि पुत्र को जीवन देने वाले हमारे लिए भगवान हैं। आज उनकी वजह से ही पुत्र उनके सामने है और वह शारीरिक और मानसिक पीड़ा से मुक्त हो गया। स्वस्थ होने के कारण अब पढ़ाई का स्तर भी सुधर गया। वे मानती हैं कि जिन परिवार ने उनके लाड़ले को जीवन दिया है वह परिवार उनके अपने खून के रिश्ते से भी निकट है।
भविष्य में अपनों को नहीं देने पड़ेंगे अंग स्टेट आर्गन टिश्यु एंड ट्रान्सप्लान्ट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के कन्वीनर और अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के वरीष्ठ चिकित्सक डॉ. संजय सोलंकी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से गुजरात खास कर अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में ब्रेन डेड अंग दान के संबंध में जागरुकता बढ़ी है। इसी तरह ही चलता रहा तो आगामी दिनों में अपनों के अंगों की जरूरत नहीं होगी। इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिस एंड रिसर्च सेंटर (आईकेडीआरसी) के किडनी रोग विशेषज्ञ एवं विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु पटेल ने बताया कि अंगदान के संंबध में जागरूकता जरूरी है। आईकेडीआरसी में अब 25 फीसदी ट्रान्सप्लान्ट केडेवर की के बलबूते पर हो रहे हैं।
डेढ़ वर्ष में एक ही अस्पताल से 236 को मिला नया जीवन पिछले करीब दो वर्षों से गुजरात में अंगदान को लेकर जागरुकता तेजी से बढ़ी है। खास कर अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में पिछले डेढ़ वर्ष में ही 236 लोगों को नया जीवन मिल गया है। ब्रेन डेड दाताओं से 259 अंग मिले हैं इनके माध्यम से 236 लोगों की जान बचाई जा सकी है। किसी एक अस्पताल में एक अस्पताल की ओर से यह संख्या सबसे अधिक है।
डॉ. राकेश जोशी, चिकित्सा अधीक्षक सिविल अस्पताल