दर्शिता शाह ने बताया कि अब उनका ध्येय केवल विकलांगों की मदद करना ही है। उन्होंने कहा कि जब वे पढ़ाई करती थी तब उन्हें कई बार आभास हुआ था कि विकलांगता को लेकर भेदभाव है। इसी को ध्यान में रखकर वे अब काम करती हैं। शहर के आईआईएम-ए के निकट स्थित अपंगमानव मंडल के दिव्यांगों की मदद के लिए सेवारत हैं।