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यूसुफ ने सचिन के साथ इस विदेशी को बताई संन्यास की बात

locationअहमदाबादPublished: Feb 27, 2021 06:02:24 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

एक ऐसे क्रिकेटर भी उन्होंने टैग किया, जो लंबे अरसे तक क्रिकेट की पिच पर सचिन तेंदुलकर के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी गेंदबाज रहे हैं।

यूसुफ ने सचिन के साथ इस विदेशी को बताई संन्यास की बात

यूसुफ ने सचिन के साथ इस विदेशी को बताई संन्यास की बात

जयपुर. भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी यूसुफ पठान ने शाम 4 बजकर 27 मिनट पर एक लेटर के साथ अपने संन्यास की खबर भी ट्विटर पर साझा की। उन्होंने इस पोस्ट को अपने भाई इरफान पठान के अलावा सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर के ट्विटर हैंडल के साथ तो साझा किया ही, एक ऐसे क्रिकेटर भी उन्होंने टैग किया, जो लंबे अरसे तक क्रिकेट की पिच पर सचिन तेंदुलकर के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी गेंदबाज रहे हैं।
समझ तो गए होंगे आप…। जी हां! शेन वार्न। यूसुफ के महान लेग स्पिनर वार्न को टैग करने के पीछे खास वजह भी है। शेन वार्न और युसूफ पठान का याराना इंटरनेशनल प्लेटफार्म से ज्यादा आईपीएल के दरम्यान बना।
वे शेन वार्न को किस कदर पसंद करते हैं। इसकी बानगी हम आपको आगे बताएंगे, लेकिन अभी जानिए कि यूसुफ के क्रिकेट कॅरियर में कितने वार्न के क्या मायने हैं। दोस्ती के कारणों की तहत पर जाने के लिए आपको लिए चलते हैं 13 साल पहले।

कहानी कुछ इस तरह है…
साल था 2008 इस साल बीसीसीआई के तत्कालीन पदाधिकारी ललित मोदी के आईपीएल का आगाज करने के एक निर्णय ने भारतीय क्रिकेट की दशा और दिशा बदल दी थी। नए नवेले ट्वेंटी—20 क्रिकेट में नई धमक सुनाई दी थी।
राजस्थान रॉयल्स की कमान संभाल रहे थे शेन वार्न। रॉयल्स को दिल्ली के साथ 19 अप्रेल को टूर्नामेंट के अपने पहले ही मैच में शेन वार्न की टीम को दिल्ली डेयर डेविल्स से 9 विकेट की हार का जबरदस्त फटका पड़ा था।
विश्लेषक शेन वार्न की टीम को टूर्नामेंट की सभी टीमों से कमतर बताने लगे। वार्न की कप्तानी को लेकर भी अंगुलियां उठीं। मगर उस साल रॉयल्स का भविष्य उज्ज्वल था, ये साबित किया खुद वार्न ने और उनके टीममेट यूसुफ ने।
इसका नमूना था 21 अप्रेल का मैच जो पंजाब किंग्स के साथ रॉयल्स के घरेलू मैदान जयपुर में खेला जा रहा था। पंजाब ने 20 ओवर में 166 रन बनाए, जिसमें युवराज सिंह ने पचासा ठोका था।
युवराज सिंह खतरनाक होते इससे पहले ही वार्न ने उन्हें एलबीडब्ल्यू कर पवैलियन का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद वार्न के दो और शिकार बने कुमार संगाकारा व जेम्स होप।

वार्न ने 4 ओवर में कुल जमा 19 रन खर्च कर 3 विकेट झटके और रनों के अंबार की ओर उड़ते पंजाब की परवाज को झटका दिया। रनों का पीछा करने उतरे रॉयल्स ने 11 गेंद शेष रहते मैच और पहली जीत अपने नाम की।
रॉयल्स का असली रंग दिखा हैदराबाद में डेक्कन चार्जर्स के साथ खेले गए 24 अप्रेल के मैच में। घर में खेल रही हैदराबादी टीम की ओर से एंड्रू सायमंड्स 53 गेंदों पर 117 रन ठोक दिए।
हालांकि वार्न यहां भी दो विकेट लेने में कामयाब रहे। अब बारी थी यूसुफ पठान की, जिन्होंने पुछल्ले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए 217 के स्ट्राइक रेट से 28 गेंदों पर 61 रनों की साहसिक पारी से टीम को एक गेंद शेष रहते जीत दिलाई।
छह छक्कों और चार चौकों से सजी पारी ने पठान और रॉयल्स दोनों के आत्मविश्वास को ऊंचा किया। उस टूर्नामेंट शेन वार्न 15 मैचों में 19 विकेट लेकर सबसे सफल गेंदबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर रहे और यूसुफ पठान 435 रनों के साथ टॉप टेन बल्लेबाजों की सूची में सातवें पायदान पर काबिज थे।
उस टूर्नामेंट में जबरदस्त प्रदर्शन की बदौलत यूसुफ पठान को भारतीय एकदिवसीय टीम में जगह मिली थी। यही वजह है कि यूसुफ पठान के कॅरियर में शेन वार्न किसी फरिश्ते की तरह रहे।


दूसरे कप्तानों को वार्न से सीखने की जरूरत: यूसुफ
यूसुफ पठान ने शेन वार्न की तारीफ में यहां तक कह दिया कि दुनिया के दूसरे कप्तानों को वार्न से नेतृत्व करना सीखना चाहिए।
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