अजमेर

नौकरी दिलवाने के नाम पर 10 लाख ठगे

शिक्षा विभाग में थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में ‘बैक डोर एन्ट्रीÓ के नाम से भर्ती कराने का झांसा देकर एक शख्स दो महिलाओं को दस लाख की चपत लगा गया।

अजमेरMay 21, 2019 / 01:37 am

manish Singh

नौकरी दिलवाने के नाम पर 10 लाख ठगे

दो महिलाओं को थमाए थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती के फर्जी नियुक्ति-पत्र
अजमेर. शिक्षा विभाग में थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में ‘बैक डोर एन्ट्रीÓ के नाम से भर्ती कराने का झांसा देकर एक शख्स दो महिलाओं को दस लाख की चपत लगा गया। जालसाज ने महिलाओं को बकायदा जयपुर में सचिवालय में ले जाकर शिक्षा विभाग के फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमाए। लेकिन मामले में जिला शिक्षा अधिकारी के यहां पड़ताल पर जालसाजी सामने आ गई। पीडि़ता ने अब क्लॉक टावर थाने में आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।
पुलिस के अनुसार नवाब का बेड़ा निवासी श्वेता गुप्ता और उसकी सहेली खुशबू गहलोत को शिक्षा विभाग में थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में बैक डोर एन्ट्री दिलवाने के नाम पर जालसाल दस लाख रुपए की चपत लगा गया। श्वेता ने बताया कि बीकानेर हाल जयपुर निवासी अभिषेक डागा 2014 में उसके पति के सम्पर्क में आया। आरोपी २०१४ से उसके पति के होटल में ठहरता था। तब से वह सम्पर्क था। आरोपी के आधार कार्ड पर जयपुर मानसरोवर का पता था जबकि वह हमेशा उन्हें बीकानेर का होना बताता था। इसी दौरान उसका घर आना जाना भी शुरू हो गया। इसके बाद आरोपी ने जब उसका चयन थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में नहीं हुआ तो 2017 में उसको थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में भर्ती करवाने के सब्जबाग दिखाए। आरोपी ने उसकी सहेली खुशबू को भी उसके साथ भर्ती करवाने का झांसा दिया। नम्बर कम होने के चलते दोनों का थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में नम्बर नहीं आया।
 

नम्बर नहीं, पैसे कम

श्वेता गुप्ता ने बताया कि आरोपी अभिषेक डागा ने पहले उनका विश्वास जीता। उन्होंने बताया कि आरोपी अभिषेक ने पहले बतौर एडवांस 20 हजार रूपए मांगे लेकिन कुछ दिन बाद नम्बर कम होना बताकर रकम बैंक खाते में डाल दी। फिर कुछ दिन बाद उसका कॉल आया कि रकम कम थी। रकम बढ़ाने पर वह बतौर एडवांस 50 हजार रुपए ले गया। इसके बाद आरोपी फर्जी विभागीय पत्र देकर उनसे धीरे-धीरे पांच-पांच लाख रुपए हड़प लिए।
सब कुछ फर्जी

श्वेता ने बताया कि आरोपी ने रकम लेने के बाद जब लम्बे समय तक कोई जवाब नहीं दिया तो उन्होंने दबाव बनाया तो वह उन्हें जयपुर सचिवालय ले गया। यहां उनको कैंटीन में बैठाकर खुद अन्दर गया। दस्तावेज सत्यापन के लिए उन्हें यह कहकर रोक दिया कि जब सेटिंग है तो सत्यापन किस बात का। आरोपी ने सचिवालय की कैंटीन में ही नियुक्ति पत्र थमा दिए। वे नियुक्ति पत्र लेकर लौट आईं। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पड़ताल की तो नियुक्ति-पत्र व अन्य सभी दस्तावेज फर्जी निकले।
इनका कहना है…

पीडि़ता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। प्रकरण में पड़ताल की जा रही है। -सूर्यभान सिंह, थानाप्रभारी क्लॉक टावर
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