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जिले में 12 विभागों ने शुरू ही नहीं किए सांसद-विधायक कोष के 214 प्रोजेक्ट

locationअजमेरPublished: Jun 20, 2022 09:34:19 pm

Submitted by:

bhupendra singh

कहीं कार्य प्रारंभ होने का इंतजार है तो कहीं स्वीकृत होने का
करीब 14 रुपए करोड़ की धनराशि होनी है खर्च

The shoes ran away without paying, if caught, the shopkeepers beat up the brothers

बिना पैसे दिए ले भागे जूते, पकड़ा तो दुकानदार भाइयों को ही पीट दिया

जिले में सांसद और विधायक कोष से लाखों रुपए के विकास कार्य स्वीकृत होने के बाद भी विभागों की लापरवाही की कारण शुरू नहीं हो पा रहे हैं। कहीं कार्य प्रारंभ होने का इंतजार है तो कहीं स्वीकृत होने का। जहां काम हुए हैं वहां पूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं भेजा जा रहा है। वहीं यह भी सामने आया है कि कई अधिकारी तो कागजी प्रक्रिया से ही अन्जान हैं इसके चलते मामलों में देरी हो रही है। जिले में एमएलए लैड के तहत 12 विभागों के 1114.66 लाख रुपए के 176 कार्य और एमपी लैड के 283.51लाख रुपए के 38 कार्य सहित कुल 214 प्रोजेक्ट के कार्य शुरू ही नहीं किए। इन पर करीब 14 रुपए करोड़ की धनराशि खर्च होनी है। वहीं विभागों ने एमपी लैड के 230 कार्याें तथा एमपी लैड के 35 कार्यों सहित कुल 265 कार्यों की सीसी नहीं भेजी है। इन पर 1154.16 लाख रुपए खर्च हुए हैं। विधायक कोष से 188 कार्यों की तकनीकी स्वीकृति व दस्तावेज भी बकाया हैँ। इन पर 985.73 लाख रुपए खर्च होने हैं।विधायक कोष के वे कार्य जो शुरू ही नहीं हो सके
पंचायत समिति श्रीनगर और सिलोरा में 2 कार्य तो वर्ष 201-20 से शुरू नहीं हो सके। जबकि वर्ष 2020-21 में अरांई में 1, पीसांगन 4, मसूदा 2, श्रीनगर 8, सरवाड़ 2 तथा सिलोरा में 2 सहित कुल 19 कार्य अब तक शुरू नहीं हो सके। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अजमेर ग्रामीण में 25, अरांई 9, केकड़ी 8, जवाजा 6,पीसांगन 18, भिनाय 5, मसूदा 2, श्रीनगर 17, सरवाड़ 50, सावर 12 तथा सिलोरा में 20 सहित कुल 172 कार्यों को स्वीकृति का इंतजार है। जिले की 11 पंचायत समितियों में कुल 193 कार्यों को स्वीकृति का इंतजार है। इस पर कुल 8 करोड़ 8 लाख 45 हजार रुपए खर्च होने हैं।
मंत्री से लेकर प्रभारी सचिव तक नाराजसांसद एवं विधायक क्षेत्र विकास योजना में सांसद एवं विधायक द्वारा अनुशंषित कार्यों के दस्तावेजों, तकनीकी स्वीकृति संबंधित विभागों द्वारा समय पर उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण निर्धारित समय में स्वीकृति जारी नहीं हो पा रही है। साथ ही उपयोगिता एवं पूर्णता प्रमाण पत्र के अभाव में परेशानी आ रही है। इससे जिले की प्रगति पर भी असर पड़ रहा है। पंचायती राज मंत्री ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए समय पर स्वीकृतियां जारी करने के निर्देश दिए हैं। यह मामला प्रभारी सचिव की बैठक में भी उठ चुका है। उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया था। जिला कलक्टर भी संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर चुके हैं।
विभागीय अधिकारियों को दिया प्रशिक्षण

एमएलए, एमपी योजना के कार्यों तथा कागजी कार्रवाई को लेकर जिला परिषद ने हाल ही संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों सहित पूर्ण प्रक्रिया, दृष्टांत देते हुए समझाए गए। इसी क्रम में यूसी-सीसी एवं भौतिक प्रगति भिजवाने वांछित दस्तावेजों एवं की जा रही गलतियों का भी उल्लेख किया गया। प्रशिक्षण के दौरान विभागों से उन्हें आ रही समस्या का भी मौके पर निराकरण किया गया। विभागों के एसई,एक्सईएन,एईएन सभी को सात दिन में सही तरीके से दस्तावेजों के साथ दस्तावेज कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। एमपी एमएलए फंड में स्वीकृत लेकिन अप्रारंभ कार्यों को विभागवार चर्चा कर तीन दिन में कार्यों की प्रगति रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए।
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