अजमेर

3 साल में 1227 हैडपम्प स्थानों का हुआ चयन

भू-जल विभाग

अजमेरDec 04, 2021 / 09:56 pm

bhupendra singh

ashok gehlot

अजमेर. भू-जल विभाग द्वारा गत 3 वर्षों में जनहित के बेहतरीन कार्य किए गए है। इनमें 1227 हैडपम्प स्थानों का चयन भी शामिल है। भू-जल विभाग के वरिष्ठ भू-जल वैज्ञानिक गुरूदत्त बोहरा ने बताया कि भू-जल का अधिकाधिक सदुपयोग करने की दिशा में वैज्ञानिक तरीके से कार्य का उत्तरदायित्व भू-जल विभाग को दिया गया है। जिले के विभिन्न भू-जल क्षेत्रों की प्रकृति एवं स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप भू-जल का उपयोग करने में पिछले 3 वर्षों में कई कार्य किए गए हैं। विभाग ने पिछले 3 साल में 2346 कुओं का निरीक्षण किया गया। प्रथम वर्ष में 703, द्वितीय में 811 तथा तृतीय वर्ष में 829 कुओं का निरीक्षण हुआ। भू-जल के नमूने एकत्रित करने का कार्य विभाग द्वारा बड़े स्तर पर किया गया। 3 वर्षों में 1768 भू-जल के नमूने एकत्र किए गए। प्रथम वर्ष में 639 नमूने एकत्र हुए। वर्तमान सरकार के द्वितीय वर्ष में 623 तथा इस वर्ष अब तक 506 भू-जल नमूने एकत्र किए गए। भू-भौतिकीय सर्वेक्षण के 16 कार्य सम्पादित हुए। प्रथम वर्ष 10 तथा तृतीय वर्ष में 6 भू-भौतिकीय सर्वेक्षण किए गए। विभन्न पेयजल योजनाओं के लिए हैडपम्प एवं नलकूप के 1227 स्थान चयन का कार्य विभाग द्वारा किया गया। प्रथम वर्ष में 624, द्वितीय वर्ष में 296 तथा तृतीय वर्ष में 307 स्थानों का चयन हैडपम्प एवं नलकूप के लिए किया गया।
साहित्य सृजन की कार्यशाला आयोजित
स्वाधीनता का अमृत महोत्सव
अजमेर. स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के विस्तारित कार्यक्रमों की शृंखला में साहित्य सृजन संबंधी कार्यशाला का आयोजन सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में हुआ। महात्मा गांधी जीवन दर्शन प्रकोष्ठ के जिला समन्वयक रामविलास जांगिड़ ने बताया कि महोत्सव के अन्तर्गत साहित्य सृजन से सम्बन्धित महात्मा गांधी के दर्शन एवं जीवन मूल्यों पर आधारित साहित्य का सृजन किया गया। यह साहित्य वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सुधार एवं परिवर्तन करने में सहायक सिद्ध होगा। साहित्य सृजन के तहत अजमेर जिले के शिक्षा विभाग के व्याख्याताओं द्वारा महात्मा गांधी जीवन दर्शन से संबंधित 30 से अधिक विषयों पर कार्य किया गया। कार्यशाला में स्वास्थ्य विकास, परिश्रम का महत्व, विद्यार्थी जीवन की दिनचर्या, ट्रस्टीशिप का सिद्धांत, प्राकृतिक चिकित्सा, सर्वधर्म समभाव, अनुशासन,अस्पृश्यता, गीतादर्शन एवं आत्मनिर्भरता का महत्व आदि विषयों पर अध्ययन कर विचारों का संग्रह किया गया। इन्हें लिपिबद्ध कर प्रस्तुतिकरण किया गया। कार्यशाला में आजादी के अमृत महोत्सव के सचिव डॉ. राकेश कटारा, दर्शना शर्मा, सुरेंद्र सिंह, सुनीता रावत, खुशबू चौधरी तथा रुचिका व प्रतिभागी शामिल हुए।
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