ऑटो म्यूटेशन का है प्रावधान
जयपुर जिले की चौमूं तहसील तथा दूदू उपपंजीयक कार्यालय में पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। इसके परिणामों के बाद उनियारा तहसील में कार्य प्रारंभ किया गया है। सभी ऑनलाइन तहसील में दस्तावेज पंजीकृत होते ही स्वत: नामांतरण दर्ज होने का प्रावधान है। रजिस्ट्री के आधार पर आटोम्यूटेशन होगा। बार-बार एक ही जमीन को बेचे जाने के मामलों पर रोक लगेगी। चौमूं और गोविंदगढ़ उप तहसील में इसे पायल प्रोजक्ट के रूप में चालू किया गया था। हाल ही जयपुर की सभी तहसीलों को ऑनलाइन कर दिया गया है। डाटा ऑनलाइन होने से म्यूटेशन स्वत: होगा तथा खरीदार का नाम भी अंकित हो जाएगा। चौसाला जमाबंदी की आवश्यकता नहीं होगी। रिकॉर्ड डिजिटल सिग्नेचर के लिए स्वत: ही अपडेट होगा। इसके लिए तहसील में जाने की आवश्कता नहीं होगी। जमाबंदी के साथ ही डिजिटलाइज मैप की नकल भी मिल सकेगी।
जयपुर जिले की चौमूं तहसील तथा दूदू उपपंजीयक कार्यालय में पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। इसके परिणामों के बाद उनियारा तहसील में कार्य प्रारंभ किया गया है। सभी ऑनलाइन तहसील में दस्तावेज पंजीकृत होते ही स्वत: नामांतरण दर्ज होने का प्रावधान है। रजिस्ट्री के आधार पर आटोम्यूटेशन होगा। बार-बार एक ही जमीन को बेचे जाने के मामलों पर रोक लगेगी। चौमूं और गोविंदगढ़ उप तहसील में इसे पायल प्रोजक्ट के रूप में चालू किया गया था। हाल ही जयपुर की सभी तहसीलों को ऑनलाइन कर दिया गया है। डाटा ऑनलाइन होने से म्यूटेशन स्वत: होगा तथा खरीदार का नाम भी अंकित हो जाएगा। चौसाला जमाबंदी की आवश्यकता नहीं होगी। रिकॉर्ड डिजिटल सिग्नेचर के लिए स्वत: ही अपडेट होगा। इसके लिए तहसील में जाने की आवश्कता नहीं होगी। जमाबंदी के साथ ही डिजिटलाइज मैप की नकल भी मिल सकेगी।
कृषि भूमि पर ऋण में होगी आसानी
काश्तकार के कृषि ऋण आवेदन को बैंक द्वारा अग्रेषित करने एवं म्यूटेशन लगाने से लेकर ऋण मुहैया कराने तक की समस्त कार्यवाही ऑनलाइन हो जाएगी। कृषि ऋण प्राप्त होने के साथ ही आनलाइन ही उक्त भूमि रहन नामांतरण भी स्वत: दर्ज होगा जिससे काश्तकार को पंजीयन एवं राजस्व कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। कृषि भूमि बैंक में रहन रखने के दौरान बैंक ऑन लाइन ही रिकॉर्ड चेक कर सकेगा।
काश्तकार के कृषि ऋण आवेदन को बैंक द्वारा अग्रेषित करने एवं म्यूटेशन लगाने से लेकर ऋण मुहैया कराने तक की समस्त कार्यवाही ऑनलाइन हो जाएगी। कृषि ऋण प्राप्त होने के साथ ही आनलाइन ही उक्त भूमि रहन नामांतरण भी स्वत: दर्ज होगा जिससे काश्तकार को पंजीयन एवं राजस्व कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। कृषि भूमि बैंक में रहन रखने के दौरान बैंक ऑन लाइन ही रिकॉर्ड चेक कर सकेगा।
218 में मॉर्डन रिकॉर्ड रूम बने, 27 में तैयारी तहसील के राजस्व रिकॉर्ड को सहेजने के लिए राज्य की 218 तहसीलों में मॉर्डन रिकॉर्ड रूम बनाए जा चके हैं। 27 में इनकी तैयारी है, जिसके लिए राजस्व मंडल ने टेंडर जारी कर दिए हैं। 69 तहसलों के पास मॉर्डन रिकॉड रूम बनाने के लिए भवन ही नहीं है।
गिरदावरी की ई-हस्ताक्षरित नकल मिलेगी अजमेर. तहसील ऑन लाइन होने से गिरदावरी की ई-हस्ताक्षरित नकल ऑनलाइन प्राप्त होने से आम काश्तकार को रबी-खरीफ फसलों की जिंसों के बेचान, मुआवजा, न्यूनतम समर्थन मूल्य, कृषि ऋण एवं विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में सुगमता होगी। ऑन लाइन तहसीलों में गिरदावरी की ई-हस्ताक्षरित नकल ऑनलाइन प्राप्त की जा सकेगी।
डिजिटल हो रहे हैं नक्शे
अजमेर. राजस्व मंडल द्वारा राज्य के 33 जिलों में डिजिटाइजेशन ऑफ कैडस्ट्रल मैप (खसरा नक्शा एवं जमाबंदी प्रतिलिपि) कार्य के तहत कटे-फटे तथा जीर्ण-शीर्ण नक्शों को स्केन करवाते हुए डिजीटल रूप में सेंट्रल सर्वर पर जमाबंदी से लिंक करते हुए संधारित किया जा रहा है। राज्य में अब तक 46 हजार 720 गावों की 1 लाख 28 हजार 941 शीटें डिजिटलाइज की जा चुकी हैं। 81 हजार 795 शीटें अंतिम तरमीम पूर्ण कर ई-धरती सॉफ्टवेयर से लिंक की जा चुकी हैं।
अजमेर. राजस्व मंडल द्वारा राज्य के 33 जिलों में डिजिटाइजेशन ऑफ कैडस्ट्रल मैप (खसरा नक्शा एवं जमाबंदी प्रतिलिपि) कार्य के तहत कटे-फटे तथा जीर्ण-शीर्ण नक्शों को स्केन करवाते हुए डिजीटल रूप में सेंट्रल सर्वर पर जमाबंदी से लिंक करते हुए संधारित किया जा रहा है। राज्य में अब तक 46 हजार 720 गावों की 1 लाख 28 हजार 941 शीटें डिजिटलाइज की जा चुकी हैं। 81 हजार 795 शीटें अंतिम तरमीम पूर्ण कर ई-धरती सॉफ्टवेयर से लिंक की जा चुकी हैं।
मैप डिजिटलाइजेशन में आ रही है दिक्कत
राजस्व मंडल ने जिन 6 फर्मो को डिजिटलाइजेशन ऑफ केडस्ट्रल मैप कार्य सौंपा उसके लिए 9 माह की समयावधि निश्चित की गई थी। फर्मों को भू-प्रबन्ध विभाग द्वारा तैयार किए गए मदर मैप उपलब्ध करवाते हुए मदरमैप तैयार होने के बाद की गई समस्त तरमीमों को फर्म द्वारा उपलब्ध करवाए गए डिजिटल नक्शे में समाहित करने के बाद सम्बन्धि फर्म को नक्शा पुन: लौटाना था। लेकिन सम्पूर्ण कार्य राज्य में भू-प्रबन्ध बंदोबस्त की अवधि और तरमीमों की संख्या में अंतर होने तथा राजस्व कार्मिकों की कमी के कारण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण करवाया जाना संभव नहीं है। फर्मो के वर्कऑर्डर की समयावधि 31 मार्च 2021 तक बढ़ाने के लिए प्रस्ताव मंडल स्तर पर विचाराधीन है।
राजस्व मंडल ने जिन 6 फर्मो को डिजिटलाइजेशन ऑफ केडस्ट्रल मैप कार्य सौंपा उसके लिए 9 माह की समयावधि निश्चित की गई थी। फर्मों को भू-प्रबन्ध विभाग द्वारा तैयार किए गए मदर मैप उपलब्ध करवाते हुए मदरमैप तैयार होने के बाद की गई समस्त तरमीमों को फर्म द्वारा उपलब्ध करवाए गए डिजिटल नक्शे में समाहित करने के बाद सम्बन्धि फर्म को नक्शा पुन: लौटाना था। लेकिन सम्पूर्ण कार्य राज्य में भू-प्रबन्ध बंदोबस्त की अवधि और तरमीमों की संख्या में अंतर होने तथा राजस्व कार्मिकों की कमी के कारण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण करवाया जाना संभव नहीं है। फर्मो के वर्कऑर्डर की समयावधि 31 मार्च 2021 तक बढ़ाने के लिए प्रस्ताव मंडल स्तर पर विचाराधीन है।