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रा’य के 25 हजार कृषि डीजल पम्प और 12 हजार 500 इलेक्ट्रिक मोटरें बदली जाएंगी सोलर पम्प से

locationअजमेरPublished: Aug 22, 2019 09:49:59 pm

Submitted by:

bhupendra singh

नवीन एंव नवीकरणीय मंत्रालय ने रा’यों के लिए जारी किए लक्ष्य
केन्द्र सरकार की कुसुम योजना, 30 प्रतिशत राशि रा’य को देनी होगी
अनुपयोगी जमीन का हो सकेगा उपयोग,किसान करेंगें कमाई

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अजमेर. सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा and 12 thousand 500

किसानों की अनुपयोगी जमीन का उपयोग करते हुए उनकी आय बढ़ाने के लिए रा’य में इस साल कृषि आधारित 25 हजार डीजल पम्प (25 thousand agricultural diesel pumps) तथा 12 हजार 500 इलेक्ट्रिक मोटरों को सोलर पम्पिंग सिस्टम से बदला जाएगा। केन्द्र सरकार के नवीन एंव नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना (पीएम कुसुम) के तहत सभी रा’यों के लिए इस साल के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिए हैं। कृषि आधारित सोलर प्लांट लगाने के लिए मंत्रालय ने तीन कम्पोनेंट में पांच साल के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। कृषि आधारित सोलर प्लांट/ पम्प के लिए 30 फीसदी राशि केन्द्र सरकार देगी। जबकि 30 प्रतिशत राशि रा’य सरकार को देनी होगी। रा’य सरकार को सहमति 15 दिन में देनी होगी। 30 प्रतिशत राशि किसान को लोन के रुप में मिलगी जबकि 10 प्रतिशत राशि किसान को चुकानी होगी। इस योजना के तहत किसान आत्म निर्भर बन सकेगा तथा उसे कृषि कनेक्शन के लिए वर्षों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
किसान की अनुपयोगी जमीन का होगा उपयोग

किसान की अनुपयोगी पड़ी कृषि भूमि पर 10 गीगावाट के कृषि सोलर प्लांट पांच साल में देशभर में लगाए जाएंगे। इनके जरिए उत्पादित बिजली बेचने से किसानों को आय होगी। प्लांट से उत्पादित बिजली ग्रिड को बेची जाएगी। एक प्लांट की क्षमता 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की होगी। देश में पहले साल में 526 मेगावाट का उत्पादन बिजली कृषि आधारित सोलर प्लांट के जरिए होगा। राजस्थान में पहले साल में 75 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य कृषि सोलर प्लांट के जरिए किए जाने का लक्ष्य है।
डीजल पम्प बदले जाएंगे (agricultural diesel pumps)

देशभर में 17.5 लाख सोलर पम्पिग सिस्टम कृषि सिंचाई योजना के तहत पांच साल लगाए जाएंगे। ये एेसे स्थानों पर लगाए जाएंगे जहां ग्रिड की बिजली उपलब्ध नहीं है। जहां पर किसान डीजल पम्प आदि का इस्तेमाल कर रहे है। सोलर पम्प के जरिए डीजल पम्प रिप्लेस किए जाएंगे। देश में पहले साल में 1 लाख 73 हाजर 700 सोलर पम्पिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। राजस्थान में 25 हजार सोलर पम्प लगाते हुए डीजल पम्प रिप्लेस किए जहां विद्युत ग्रिड नहीं है। डीजल पम्प नहीं चलने से किसान को डीजल नहीं खरीदना पड़ेगा इससे उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी तथा पर्यावरण सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।
मोटरें रिप्लेस की जाएंगी electric motar

देश में पांच साल में 10 लाख एेसे सोलर पम्पिंग सिस्टम लगाए जांएगे जहां कृषि क्षेत्र में पानी के लिए बिजली की मोटरें चलाई जा रही है। देश में पहले साल में 1 देश में लाख सोलर पम्पिंग सिस्टम के जरिए इलेक्ट्रिक मोटर रिप्लेस की जाएगीं। राजस्थान में 12 हजार 500 सौ बिजली की मोटरों को सोलर पम्पिंग सिस्टम के जरिए रिप्लेस किए जाने का लक्ष्य है। जब मोटर का उपयोग नहीं हो रहा होगा उस दौरान उत्पादित बिजली किसान डिस्कॉम को बेच सकेगा इससे उसे आय होगी।
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