इससे किसानों को उनके नजदीकी स्थान पर उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। साथ ही वे वाई-फाई सिस्टम के जरिए अपनी उपज को देश की विभिन्न मंडियों में ई नाम योजना के तहत अच्छे दाम पर बेच सकेंगे। कृषि उपज मंडियों में लगभग 34 करोड़ रुपए से वाई-फाई सिस्टम एवं विद्युत लाइन के कार्य तथा नए प्लेटफार्म, मजदूरों के लिए शेड, चारदीवारी, कार्यालय भवन एवं शौचालय आदि के निर्माण कार्य शामिल हैं।
READ MORE : तीर्थ नगरी पुष्कर शर्मसार : विदेशी पर्यटक ने खोई सुधबुध,निर्वस्त्र हो करने लगा ऐसी हरकत गहलोत ने प्रदेश की 38 कृषि उपज मंडियों को ऑनलाइन करने के लिए वाई-फाई नेटवर्क की व्यवस्था और उच्च तकनीक की विद्युत अर्थिंग के लिए लगभग 22.82 करोड़ रुपए के निर्माण कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी है।
इसी प्रकार श्रीगंगानगर के अनूपगढ़, जैतसर और रावला मंडी परिसरों में निर्माण कार्यों के लिए भी 6.08 करोड़ रुपए के प्रस्ताव मंजूर किए गए हैं। इस राशि में से 1.67 करोड़ रुपए अनूपगढ़ मंडी और 2.82 करोड़ रुपए रावला मंडी में नीलामी प्लेटफॉर्म, फुटपाथ, सड़क, शौचालय, मजदूरों के लिए शेड और अन्य निर्माण कार्यों के लिए खर्च होंगे। साथ ही जैतसर मंडी परिसर में लगभग 1.57 करोड़ रुपए की लागत के निर्माण कार्यों के लिए भी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई है।
मुख्यमंत्री ने डूंगरपुर एवं झालरापाटन मंडी परिसरों में नवीन निर्माण कार्यों के साथ-साथ टीनशेड, चारदीवारी, टॉयलेट, कार्यालय भवन आदि के निर्माण और जीर्णोद्धार कार्यों के लिए भी क्रमश: 3.56 करोड़ रुपए एवं 1.21 करोड़ रुपए के ब्याज रहित ऋण मंडी विकास निधि से उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है।
पांच गौण मंडियों को स्वतंत्र मंडी का दर्जा गहलोत ने किसानों को कृषि विपणन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य के तीन जिलों में स्थित पांच गौण मंडी यार्डों को स्वतंत्र मंडियों के रूप में क्रमोन्नत करने को मंजूरी दी है।
उन्होंने अलवर जिले के बहरोड़, किशनगढ़बास और तिजारा, झालावाड़ के मनोहर थाना और पाली के सोजत सिटी में स्वतंत्र मंडियां बनाने के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। ये सभी गौण मंडी यार्ड स्वतंत्र मंडी की स्थापना के लिए निर्धारित मंडी शुल्क के रूप में न्यूनतम 40 लाख रुपए वार्षिक आय के मापदंड को पूरा करते हैं।
उल्लेखनीय है कि जन घोषणा पत्र में प्रदेश की सभी गौण कृषि उपज मंडियों को यथासंभव स्वतंत्र मंडियों के रूप में क्रमोन्नत करने की बात कही गई थी। इसी क्रम में ये पांच स्वत्रंत मंडियां स्थापित की जा रही हैं।