यह है आंकड़े ब्लॉक गत वर्ष इस वर्ष छीजत छीजत धौलपुर शहरी ४१.५४ ३८.५५ धौलपुर ग्रामीण ३८.५८ ३४.६७ राजाखेड़ा ३५.७४ ३०.८६ बाड़ी ४२.६५ ४२.२६ बसेड़ी ६३.८८ ६३.४७ सैंपऊ ३७.१४ ३२.९५
सरमथुरा ४६.८९ ४४.२७ कुल ४१.७० ३९.०० सबसे अधिक बसेड़ी में हो रही चोरी
जिले में सबसे अधिक बिजली चोरी व छीजत बसेड़ी क्षेत्र में हो रही है। यहां पर ६३.४७ प्रतिशत बिजली चोरी हो रही है। यानि कुल विद्युत आपूर्ति में से केवल ३७ प्रतिशत ही बिलिंग हो रही है। गंभीर बात तो यह है कि जिले के हर ब्लॉक में बिजली छीजत में कई आई है, लेकिन बसेड़ी में मात्र ०.४१ प्रतिशत कमी आई है। यहां कई क्रेशर भी लगे हुए हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में खेतों पर भी कई फर्जी तरीके से ट्रांसफॉर्मर भी लगे हुए हंै, जिनसे चोरी की बिजली से फसलों की सिंचाई की जाती है। घरों में भी सीधे जम्पर डाल कर विद्युत चोरी की जाती है। वहीं सबसे कम छीजत का आंकड़ा राजाखेड़ा में आ रहा है। जहां ३०.८६ प्रतिशत ही छीजत हो रही है।
जिले में सबसे अधिक बिजली चोरी व छीजत बसेड़ी क्षेत्र में हो रही है। यहां पर ६३.४७ प्रतिशत बिजली चोरी हो रही है। यानि कुल विद्युत आपूर्ति में से केवल ३७ प्रतिशत ही बिलिंग हो रही है। गंभीर बात तो यह है कि जिले के हर ब्लॉक में बिजली छीजत में कई आई है, लेकिन बसेड़ी में मात्र ०.४१ प्रतिशत कमी आई है। यहां कई क्रेशर भी लगे हुए हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में खेतों पर भी कई फर्जी तरीके से ट्रांसफॉर्मर भी लगे हुए हंै, जिनसे चोरी की बिजली से फसलों की सिंचाई की जाती है। घरों में भी सीधे जम्पर डाल कर विद्युत चोरी की जाती है। वहीं सबसे कम छीजत का आंकड़ा राजाखेड़ा में आ रहा है। जहां ३०.८६ प्रतिशत ही छीजत हो रही है।
ग्रामीण के मुकाबले धौलपुर शहरी क्षेत्र में ज्यादा छीजत
अगर आंकड़ों पर गौर करें तो धौलपुर ग्रामीण के मुकाबले धौलपुर शहरी क्षेत्र में अधिक बिजली छीजत हो रही है। हालांकि गत वर्ष ४१.५४ प्रतिशत छीजत का आंकड़ा रहा, हालांकि इस बार जनवरी माह तक आंकड़ा ३८.५५ प्रतिशत पर आ गया है और दो माह अभी बकाया है।
अगर आंकड़ों पर गौर करें तो धौलपुर ग्रामीण के मुकाबले धौलपुर शहरी क्षेत्र में अधिक बिजली छीजत हो रही है। हालांकि गत वर्ष ४१.५४ प्रतिशत छीजत का आंकड़ा रहा, हालांकि इस बार जनवरी माह तक आंकड़ा ३८.५५ प्रतिशत पर आ गया है और दो माह अभी बकाया है।
इतने लाख यूनिट की हो रही आपूर्ति
जिले में विद्युत निगम ने गत वर्ष ७३१७.७० लाख यूनिट सप्लाई ली थी। वहीं ४२६६.४२ लाख यूनिट आपूर्ति की थी। इसमें ४१.७० प्रतिशत छीजत रही थी। वहीं इस वर्ष जनवरी माह तक ७६२७.२१ लाख यूनिट सप्लाई ली है और अब तक ४६५२.९२ लाख यूनिट आपूर्ति की है। लेकिन इस बार ३९ प्रतिशत ही छीजत हुई है।
जिले में विद्युत निगम ने गत वर्ष ७३१७.७० लाख यूनिट सप्लाई ली थी। वहीं ४२६६.४२ लाख यूनिट आपूर्ति की थी। इसमें ४१.७० प्रतिशत छीजत रही थी। वहीं इस वर्ष जनवरी माह तक ७६२७.२१ लाख यूनिट सप्लाई ली है और अब तक ४६५२.९२ लाख यूनिट आपूर्ति की है। लेकिन इस बार ३९ प्रतिशत ही छीजत हुई है।
छीजत में इसलिए आई कमी गत वर्ष कोरोना काल के चलते विद्युत निगम के कार्मिक बिजली चोरी के खिलाफ अधिक कार्रवाई नहीं कर पाए थे। इस कारण लगातार चोरी का आंकड़ा बढ़ता गया। वहीं सतर्कता दलों ने भी कार्रवाई नगण्य सी रही। इसका नतीजा रहा कि छीजत ४१.७० प्रतिशत पर पहुंच गई, लेकिन इस बार निगम के उच्च प्रबंधन की ओर से मार्च से पहले ही चोरी पकडऩे तथा छीजत कम करने के आदेश मिलने पर सतर्कता दल भी सक्रिय हो गए। निगम अधिकारियों ने अलग-अलग टीम बनाकर ताबड़तोड़ कार्रवाइयां की है। साथ ही कई फर्जी ट्रांसफॉर्मर उतारने के साथ बकायादारों पर भी कार्रवाई की है। वहीं स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बकायादारों के बिजली कनेक्शन ऑनलाइन ही काट रहे हैं। इससे बिजली चोरी रुकने के साथ ही छीजत में भी कमी आई है।