5 महीने बाद भी नहीं हो सका ड्रोन सर्वे अजमेर विकास प्राधिकरण ने अपनी जमीनों के ड्रोन द्वारा सर्वे के लिए जयपुर की एक फॉर्म को करीब 90 लाख में 7 जुलाई 2021 ड्रोन सर्वे का ठेका दिया था। यह काम 75 दिन में पूरा करना था। लेकिन ड्रोन सर्वे नहीें हो सका। इसके बजाय फर्म और एडीए पत्रव्यवहार में ही उलझे हुए हैं। फिलहाल ड्रोन सर्वे का काम ठप है। निधाZरित समय में ड्रोन सर्वे नहीं करने पर एडीए न तो फर्म को कोई नोटिटस जारी कर सका और न ही ड्रोन सर्वे के लिए नया टेंडर ही कर सका।
कम्प्यूटर खरीद के लिए लगाए टेंडर अब प्राधिकरण ने एक बार फिर जीआईएस के कंप्यूटर के लिए टेंडर केन्द्र सरकार के जेम पोर्टल पर जारी कर दिया है। इसके तहत मास्टर प्लान क्षेत्र का ड्रोन सर्वे करा बेसमैप तैयार किया जाएगा। इसके बाद जो सेक्टर और जोनल प्लान तैयार किए गए हैं उनकी जीआईएस पर मार्किंग की जाए। आमजन को लोकेशन के साथ प्राधिकरण के लैंड बैंक की जानकारी भी ऑन लाइन आसानी से मिल पाएगी।
जेडीए की तर्ज पर एडीए में भी होगा काम जयपुर विकास प्राधिकरण की तर्ज पर अजमेर में भी जीआईएसएल का निर्माण होगा 14 मार्च तक जेम पोर्टल पर निविदा आमंत्रित की गई है जिसमें 5 से 6 कंप्यूटर वर्क स्टेशन लिए गए है। अन्य शहरों में बन चुकी हैं जीआईएस सेल।
यह है जीआईएस की खासियत जीआईएस का उपयोग नक्शे बनाने और प्रिंट करने के लिए किया जाता है। यह एक ऐसा सॉफ्टवेर हैं जिसकी सहायता से टारगेट एरिया की मैपिंग की जाती हैं| इसके बाद प्राप्त डाटा के माध्यम से ऑफिस में बैठे ही उस सम्पूण क्षेत्र की सटीक जानकारी हासिल कर ली जाती हैं| इस सॉफ्टवेयर का उपयोग अर्थ साइंस, खेती, आर्किटेक्चर, टाउन प्लानर, मैपिंग, मोबाइल आदि क्षेत्र में हो रहा हैं|।
अतिक्रमण का चलेगा पता, प्लानिंग में होगी आसानी प्राधिकरण की जमीनों का सर्वे होने और जोनल प्लान तैयार होने के बाद प्राधिकरण को योजना और गैर योजना क्षेत्र में हुए अतिक्रमणों का आसानी से पता चलेगा। प्राधिकरण की आय बढ़ाने के लिए प्लानिंग में भी आसानी होगी। ओसीएफ जमीनों पर किए गए कब्जे चिह्नित किए जा सकेंगे। योजनाओं में बनाए गए पार्कों का विकास होगा, सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। प्राधिकरण की जमीनें कब्जा मुक्त होने के साथ ही प्राधिकरण को आय भी होगी।