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बीसलपुर बांध से टोंक जिले को सिंचाई के लिए मांगा प्रतिवर्ष 8 टीएमसी पानी

locationअजमेरPublished: Aug 10, 2021 10:35:35 pm

Submitted by:

baljeet singh

बांध में 28 टीएमसी पानी होने की शर्त जोड़ कर रोका जा रहा है टोंक जिले की सिंचाई का पानी

बीसलपुर बांध से टोंक जिले को सिंचाई के लिए मांगा प्रतिवर्ष 8 टीएमसी पानी

बीसलपुर बांध से टोंक जिले को सिंचाई के लिए मांगा प्रतिवर्ष 8 टीएमसी पानी

बीसलपुर बांध से टोंक जिले को सिंचाई के लिए आरक्षित 8 टीएमसी पानी को जल संसाधन विभाग अपने तरीके से शर्तें जोड़ कर खत्म करना चाहता है। टोंक जिले के लिए सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के लिए जल संसाधन विभाग अपनी 28 टीएमसी पानी होने की शर्त को हटाए और पेयजल के साथ सिंचाई का पानी भी उपलब्ध कराए। इसके लिए टोंक जिले की उनियारा तहसील के ककोड़ निवासी और अखिल भारतीय जन संघर्ष संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय कुमार जैन ने राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर कर रखी है। वहीं जैन ने इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राज्यपाल कलराज मिश्र व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख चुके हैं।
कमेटी ने जोड़ी थी शर्त
जैन ने बताया कि 10 अप्रेल 1991 को राज्य स्तरीय कमेटी की ओर से टोंक जिले के उनियारा, देवली, टोंक को ही कमांड एरिया में शामिल किया गया था। इसी दिन यह निर्णय किया गया कि बीसलपुर बांध से कुल वितरित 24.2 टीएमसी में से 16.2 टीएमसी पानी पेयजल के आरक्षित रहेगा। इसमें से 11.2 टीएमसी जयपुर व उसके बीच में आने वाले गांव तथा 5 टीएमसी अजमेर के लिए आरक्षित रहेगा। 8 टीएमसी पानी टोंक जिले की देवली, उनियारा और टोंक तहसील के लिए आरक्षित रहेगा। लेकिन इसमें यह शर्त जोड़ी गई कि सिंचाई का पानी बांध में 28.3 टीएमसी से अधिक होने पर ही दिया जाएगा। इसी कारण टोंक जिले को प्रतिवर्ष सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया जाता है।
हो चुका है पानी के लिए आंदोलन
जल संसाधन विभाग की ओर से 2016-17 में जयपुर शहर में पेयजल सप्लाई के लिए दूसरी पेयजल लाइन बिछाने के लिए 1100 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र को भेजा गया था। लेकिन केन्द्र ने बांध में अतिरिक्त पानी का कोटा आरक्षित करने की शर्त के साथ प्रस्ताव को लौटा दिया था। जैन ने बताया कि जयपुर के लिए बीसलपुर बांध से बिछाई जाने वाली दूसरी पेयजल लाइन टोंक जिले के लिए घातक है। इसके अतिरिक्त बीसलपुर बांध से सिंचाई के पानी को लेकर 2005 में टोंक जिले में आंदोलन भी हो चुका है। टोंक जिले के सिचाई्र के लिए आरक्षित 8 टीएमसी पानी को प्रतिवर्ष दिया जाए। पीपलू, निवाई और मालपुरा को कमांड एरिया में शामिल किया जाए।

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