इन राज्यों में चल रहा है प्रोजेक्ट : उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, तेलंगाना, केरल एवं आंध्रप्रदेश में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जा चुका है। ओपीडी में ही डाटा होंगे कम्प्यूराइज्ड
मरीज ओपीडी में चिकित्सक के पास परामर्श के लिए पहुंचेगा। यहां मरीज को कम्प्यूटर में ही अपना नाम, पता, उम्र के साथ आधार कार्ड संख्या अंकित करवानी होगी। आधार नहीं होने पर पेनकार्ड, पहचान पत्र उपलब्ध करवाना होगा। मरीज के मोबाइल/दूरभाष नम्बर भी लिखे जाएंगे। अगर किसी तरह की जांच लिखी जाने एवं मरीज की ओर से इन्कार किए जाने की सूचना भी अंकित की जाएगी।
इन बीमारियों की जांचों का भी होगा उल्लेख : स्वाइन फ्लू, जीका, चिकनगुनिया, चिकनपॉक्स, जीका, मलेरिया, डेंगू. पीलिया, मोतीझरा, खसरा, निमोनिया सहित अन्य संक्रामक रोग। इनका कहना है पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में इंटीग्रेटेड हैल्थ इन्फॉर्मेशन प्लेटफार्म पोर्टल पर मरीज की रिपोर्ट व जानकारी ऑनलाइन की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय किसी भी डिजीज की जानकारी एक क्लिक में ले सकेगा। साथ ही संबंधित प्रभावित क्षेत्र में राहत व चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवा सकेगा।
-डॉ. के.के.सोनी, सीएमएचओ