उन्होंने कहा कि सत्ता की कुर्सी हाथ से जाने के बाद कुछ साम्राज्यवादी ताकतें हैं जो ऐसी हरकत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जनहित के कई बिलों को राज्यसभा और लोकसभा में रोका गया है, यदि वे बिल पास हो गया तो विकास की गाड़ी दौडऩे लगेगी। नकवी ने कहा कि असम में भाजपा की सरकार बनेगी। प. बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पांडिचेरी में सरकार का प्रदर्शन अच्छा रहेगा।
पाकिस्तान के लिए अच्छा अवसर पठानकोठ हमले की जांच में पाकिस्तान के यू-टर्न पर नकवी ने कहा कि पाकिस्तान को समझना चाहिए था कि उन्हें मोदी के नेतृत्व में दोस्ती और शांति की शुरुआत का बड़ा अवसर मिला है। यदि पाकिस्तान इस मौके को खोएगा तो उसे कुछ हासिल होने वाला नहीं बल्कि उल्टा नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद से न कभी समझौता किया था न कभी करेगी।
लाठियां चलाना ठीक नहीं श्रीनगर के एनआईटी में हो रहे हंगामे पर नकवी ने कहा कि कहा कि भारत के राष्ट्रध्वज को कहीं फहराने पर लाठियां चले तो वे इससे सहमत नहीं है। उनसे पूछा गया कि जम्मू कश्मीर में भाजपा के समर्थन वाली सरकार के बावजूद ऐसा हुआ तो नकवी ने कहा कि यदि राष्ट्रीय ध्वज फहराने पर किसी को आपत्ति हो या लाठियां चले तो ठीक नहीं है। नकवी ने कहा कि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी ने इसकी जानकारी ली है। वे स्वयं भी इसकी जानकारी ले रहे हैं।
कालाधन वापस आएगा ही काला धन दुनिया के किसी कोने में होगा तो वह वापस लाया जाएगा। काला धन वापस लाने के लिए कानूनी प्रक्रिया आखिरी पायदान पर चल रही है। जो देश और जो बैंक किसी तरह का सहयोग नहीं करते थे उन्होंने अब सूचनाएं देना शुरू किया है।
मदरसे राष्ट्रवादी सोच से काम करते हैं राजस्थान में मदरसों की जांच के सवाल पर नकवी ने कहा कि वे नहीं मानते कि सभी मदरसों में असामाजिक या आतंकी गतिविधियां हो रही हैं। मदरसे भी शिक्षा के केन्द्र हैं। लेकिन मदरसों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोडऩा भी जरूरी है। नकवी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि राज्य सरकार ने मदरसों की जांच के लिए आदेश क्यों दिया है, ज्यादातर मदसरे राष्ट्रवादी सोच के साथ काम करते हैं।
धक्का-मुक्की के बीच जियारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चादर पेश करने आए केन्द्रीय राज्यमंत्री नकवी को धक्का मुक्की के बीच जियारत करनी पड़ी। राजस्थान धरोहर संरक्षण प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने धक्का-मुक्की होने पर पुलिस अधिकारियों के सामने नाराजगी भी जाहिर की। लखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री की चादर के मद्देनजर भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था करनी चाहिए थी।
चादर के साथ शहर भाजपा अध्यक्ष अरविंद यादव, अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा, यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अमीन पठान, सैयद इब्राहिम फकर, अब्दुल बारी चिश्ती, अफसान चिश्ती आदि मौजूद थे। बुलंद दरवाजे पर दरगाह कमेटी सदर असरार अहमद खान, दरगाह नाजिम अशफाक हुसैन आदि ने इस्तकबाल किया।