पहली बार में ही मारी थी बाजी साल 2008 में सगीर पहली बार धौलपुर से भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े थे। पहले ही चुनाव में उन्होंने सारे पूर्वानुमानों को धता बताते हुए जीत हासिल की थी। धौलपुर निवासी सगीर इससे पूर्व मुंबई में वकालत कर रहे थे। अचानक लौट कर धौलपुर आने और फिर चुनाव में जीत हासिल कर उन्होंने राजनीतिक दिग्गजों को चौंका दिया था। इससे पहले सगीर 1977 में जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे। 1982 में वे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य तथा पार्षद भी रहे।
कभी थे पूर्व सीएम के खास सगीर को राजनीति में लाने में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का पूरा योगदान रहा। उन्होंने ही मुस्लिम प्रत्याशी को भाजपा का टिकट दिया। 2013 के चुनाव में भी वसुंधरा ने सगीर को भाजपा से प्रत्याशी बनाया। हालांकि, इस बार बसपा और कांग्रेस के बाद सगीर तीसरे स्थान पर रहे। हारने के बावजूद तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे ने सगीर को वक्फ विकास परिषद का अध्यक्ष बना कर राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। हालांकि, 2017 के उपचुनाव और 2018 के चुनाव में सगीर का टिकट कट गया था। इसके बाद 13 अप्रेल 2019 को सगीर ने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
कांग्रेस में देख रहे थे भविष्य वर्तमान में सगीर कांग्रेस में अपना भविष्य देख रहे थे। 2019 के बाद से वे लगातार कांग्रेस के कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर भाजपा पर हमलावर हो रहे थे। बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा से भी इनकी खूब छन रही थी। हालांकि, शोभारानी प्रकरण के बाद जिले के राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में सगीर ने पार्टी छोडऩा ही बेहतर समझा।
आने वाले दिनों में और उठापटक जिले के राजनीतिक हालात में आने वाले दिनों में और उठापटक देखने को मिल सकती है। शोभारानी प्रकरण के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेताओं में खलबली मची है। कयास हैं कि शोभारानी कांग्रेस का दामन थामेंगी। ऐसे में कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर रहे नेता अब दूसरा आशियाना तलाशने में जुटे हैं।
बॉक्स... अब्दुल सगीर खान से बातचीत प्र. आपने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है?
उ. हां, मैने पीसीसी अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है। प्र. इस्तीफा देने के क्या कारण रहे?
उ. मैंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है।
प्र. क्या अन्य कोई कारण है?
उ. नहीं, मैं अब अपने परिवार पर ध्यान देना चाहता हूं। इस्तीफे में भी मैंने व्यक्तिगत कारण से इस्तीफा देना लिखा है। प्र. क्या इस्तीफे के पीछे शोभारानी कुशवाहा फैक्टर है?
उ. नो कमेंट
प्र. आगे की क्या योजना है?
उ. फिलहाल सिर्फ परिवार पर ध्यान देना है। राजनीति के विषय में कुछ नहीं सोचा है।