बी.के.कौल नगर निवासी मेडिकल स्टोर संचालक श्याम सुन्दर मूंदड़ा की गिरफ्तारी के बाद नशीली दवा के कारोबार में नागौर जिले के गोटन निवासी कमलजीत मौर्य का नाम सामने आया है। मेड़ता सिटी पुलिस को करीब ढाई साल से मौर्य की तलाश है। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज है जिसमें मौर्य पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
लॉकडाउन में हुआ सम्पर्क नशे के काले कारोबार में उतरे श्याम सुन्दर मूंदड़ा की 2020 के पहले लॉकडाउन में मौर्य से मुलाकात हुई थी। मौर्य उसे जयपुर से माल भेजता। छद्म नाम और बिल्टी से अजमेर पहुंचने वाले आधे से ज्यादा माल मौर्य स्वयं के स्तर पर नागौर व अन्य जिलों में वितरित कर देता। बचा हुआ माल मूंदड़ा अपने गुर्गे शेख साजिद की मार्फत खपा देता था।
छद्म नाम से है फर्म! पुलिस के मुताबिक नशीले पदार्थ व नशीली दवा के कारोबार में कमलजीत मौर्य बड़ा नाम है। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि जयपुर की रमय्या नामक फर्म भी मौर्य छद्म नाम से संचालित कर रहा है। जयपुर आयुक्तालय की टीम रमय्या के संचालक की तलाश में जुटी है। ब्यावर रोड ट्रांसपोर्ट कम्पनी से बरामद की गई नशीली दवा की खेप मौर्य ने ही भेजी थी। ताकि मामला शांत होने तक उसे वह गोदाम में डम्प कर सके। लेकिन जयपुर आयुक्तालय की सूचना पर 24 मई को रामगंज थाना पुलिस ने माल पकड़ लिया।
इनका कहना है… कमलजीत मौर्य मादक पदार्थ अधिनियम में पूर्व में वांछित है। नशीली दवाइयों के मामले में श्याम सुन्दर मूंदड़ा की गिरफ्तारी के बाद उसका नाम सामने आया है। अजमेर व नागौर पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है।
एस. सेंगाथिर, आईजी अजमेर रेंज