अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग स्थित मेल वार्ड में करीब 20 बेड के लिए एक कूलर लगा हुआ है, जबकि फीमेल वार्ड में तीन कूलर ही हैं। मई माह में भीषण गर्मी से भर्ती मरीज परेशान हैं। गर्मी व उमस से वे रात में सो भी नहीं पा रहे।
यह है वजह -यूरोलॉजी विभाग के बाहर खुला परिसर है। ऐसे में शाम तक तेज धूप से दीवारें तपती हैं और वार्ड में गर्मी अधिक हो जाती है। -वार्डों में खिड़कियों के बाहर कूलर नहीं लगे हुए हैं। कुछेक कूलर जो लगाए गए हैं वे रूम कूलर हैं, इनसे वार्ड के अंदर उमस होती है।
- वार्ड बड़े होने से इनमें कम से कम चार-चार एसी लगने चाहिएं लेकिन एक भी नहीं लगा हुआ। कई जिलों से आते हैं यहां मरीज यूरोलॉजी विभाग में अजमेर, भीलवाड़ा, पाली, नागौर सहित अन्य जिलों के मरीज भी यहां ऑपरेशन के लिए आते हैं। अधिकांश बाहरी मरीज होेने पर पंखा आदि की व्यवस्था भी अपने स्तर पर हीं कर पाते हैं। यही नहीं इन मरीजों के साथ एक से अधिक परिजन भी साथ में रहते हैं।
दिन में हॉल का सहारा कुछ मरीज व परिजन दोपहर में तेज गर्मी के दौरान यूरोलॉजी के हॉल में पंखों के नीचे सोने पहुंच जाते हैं। हालांकि परिजन के लिए यही एक मात्र सहारा है।
कई दिनों से भर्ती हूं, कोई व्यवस्था नहीं वार्ड में कई दिनों से भर्ती हूं, यहां गर्मी इतनी है कि परेशान हो जाते हैं। कोई व्यवस्था नहीं है। अब किसे बताएं, नर्सिंग स्टाफ कहता है कि यह व्यवस्था तो अस्पताल प्रशासन को करनी है।
सूर्य प्रकाश, ब्यावर रात में बाहर सोने की मजबूरी वार्ड में एक ही कूलर है, कोई मरीज अपनी ओर लगा लेता है तो थोड़ी देर में दूसरा खिसका लेता है। रात में तो उमस से हालत खराब हो जाती है, बाहर सड़क पर सोना पड़ता है।
मुकेश, निवासी खारी का लाम्बा गुलाबपुरा