फाइलों की जांच के बाद एसीबी आगे की कार्रवाई करेगी। यह सभी फाइलें इंटर स्टेट भारी वाहनों के रजिस्टे्रशन सहित दूसरे राज्यों से आए वाहनों के बिलिंग से जुड़ी हुई है। एसीबी के कार्रवाई की भनक लगते ही कार्यालय में इधर उधर बैठे एजेंट व अन्य लोग बाहर निकल गए। कुछ ही देर में पूरे परिसर में सन्नाटा पसर गया।
दूसरे प्रदेशों से आ रहे हैं वाहन
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अजमेर के सीआई पारसमल ने बताया कि एक युवक ने एसीबी के कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी कि हरियाणा, दिल्ली, नागालैण्ड, एनसीआर सहित आस पास के क्षेत्रों से यहां भारी वाहन खरीदकर लाए रहे हैं। इनमें टे्रलर, ट्रक डम्पर सहित अन्य शामिल हैं।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अजमेर के सीआई पारसमल ने बताया कि एक युवक ने एसीबी के कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी कि हरियाणा, दिल्ली, नागालैण्ड, एनसीआर सहित आस पास के क्षेत्रों से यहां भारी वाहन खरीदकर लाए रहे हैं। इनमें टे्रलर, ट्रक डम्पर सहित अन्य शामिल हैं।
अब सेल्स टैक्स से लेंगे जानकारी
एसीबी के सीआई पारसमल ने बताया कि वाहन मालिक गत दो सालों से टैक्स की चोरी कर रहे हैं। अब तक की जांच में सामने आया कि सेल्स टैक्स जमा ही नहीं हो रहा है। इस कारण जिला परिवहन कार्यालय में मिले दस्तावेजों तथा सेल्स टैक्स कार्यालय से लिए जाने वाले दस्तावेजों का मिलान करवाया जाएगा।
एसीबी के सीआई पारसमल ने बताया कि वाहन मालिक गत दो सालों से टैक्स की चोरी कर रहे हैं। अब तक की जांच में सामने आया कि सेल्स टैक्स जमा ही नहीं हो रहा है। इस कारण जिला परिवहन कार्यालय में मिले दस्तावेजों तथा सेल्स टैक्स कार्यालय से लिए जाने वाले दस्तावेजों का मिलान करवाया जाएगा।
आखिर ब्यावर में ही क्यों
एसीबी की ओर से जिला परिवहन कार्यालय से 22 पत्रावलियां सीज की गई है। इसमें से अधिकांश पत्रावलियां ऐसी है जिनमें वाहन मालिक दूसरे शहर का है। हरियाणा से वाहन खरीदकर अलवर लाया गया। लेकिन उस शहर के परिहवन विभाग में रजिस्टे्रशन करवाने की बजाए ब्यावर में रजिस्टे्रशन हुआ। आखिर ऐसे क्या कारण हैं कि उस शहर को छोड़कर ब्यावर को पसंद किया गया। उस शहर के आरटीओ से एनओसी नहीं लिए जाने के बावजूद यहां पर रजिस्टे्रशन से पहले वहां जानकारी लिए बगैर यहां नियमों से हटकर यहां रजिस्टे्रशन किए गए हैं।
एसीबी की ओर से जिला परिवहन कार्यालय से 22 पत्रावलियां सीज की गई है। इसमें से अधिकांश पत्रावलियां ऐसी है जिनमें वाहन मालिक दूसरे शहर का है। हरियाणा से वाहन खरीदकर अलवर लाया गया। लेकिन उस शहर के परिहवन विभाग में रजिस्टे्रशन करवाने की बजाए ब्यावर में रजिस्टे्रशन हुआ। आखिर ऐसे क्या कारण हैं कि उस शहर को छोड़कर ब्यावर को पसंद किया गया। उस शहर के आरटीओ से एनओसी नहीं लिए जाने के बावजूद यहां पर रजिस्टे्रशन से पहले वहां जानकारी लिए बगैर यहां नियमों से हटकर यहां रजिस्टे्रशन किए गए हैं।
तीन हजार में से छांटी 22 फाइलें
अब तक की जांच में सामने आया कि दो सालों के रिकॉर्ड में तीन हजार फाइलों में हेरफेर करके राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया है। कई एजेंटों की भूमिका इसमें सक्रिय रही है। तीन हजार फाइलों में से पहले 300 सौ फाइलें छांटी गई। इन फाइलों में भी 22 फाइलें ऐसी सामने आई है जिनमें बड़े वाहनों की खरीद फरोख्त दूसरे राज्यों से की गई है। इन सभी के दस्तावेजों में गंभीर अनियमिताओं के साथ हेरफेर की गई है।
अब तक की जांच में सामने आया कि दो सालों के रिकॉर्ड में तीन हजार फाइलों में हेरफेर करके राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया है। कई एजेंटों की भूमिका इसमें सक्रिय रही है। तीन हजार फाइलों में से पहले 300 सौ फाइलें छांटी गई। इन फाइलों में भी 22 फाइलें ऐसी सामने आई है जिनमें बड़े वाहनों की खरीद फरोख्त दूसरे राज्यों से की गई है। इन सभी के दस्तावेजों में गंभीर अनियमिताओं के साथ हेरफेर की गई है।
ऐसे होता है फर्जीवाड़ा
एसीबी के सीआई पारसमल ने बताया कि दूसरे राज्यों से भारी वाहनों की खरीद करने के बाद इसका रजिस्टे्रशन करवाने से पहले सेल्स टैक्स कार्यालय में शेष टैक्स की राशि जमा करवानी पड़ती है। इस टैक्स की रसीद के आधार पर ही जिला परिहवन कार्यालय में वाहन का रजिस्टे्रशन किया जाता है। बिना रसीद के रजिस्टे्रशन नहीं होता है। लेकिन यहां पर बिना रसीद के रजिस्टे्रशन किया गया है।
एसीबी के सीआई पारसमल ने बताया कि दूसरे राज्यों से भारी वाहनों की खरीद करने के बाद इसका रजिस्टे्रशन करवाने से पहले सेल्स टैक्स कार्यालय में शेष टैक्स की राशि जमा करवानी पड़ती है। इस टैक्स की रसीद के आधार पर ही जिला परिहवन कार्यालय में वाहन का रजिस्टे्रशन किया जाता है। बिना रसीद के रजिस्टे्रशन नहीं होता है। लेकिन यहां पर बिना रसीद के रजिस्टे्रशन किया गया है।
टैक्स की हो रही है चोरी
दूसरे राज्यों के मुकाबले राजस्थान में इन वाहनों के टैक्स में तकरीबन तीन से चार प्रतिशत का अंतर है। इन वाहनों का टैक्स यहां पर भी जमा नहीं करवाया जा रहा है। तकरीबन एक भारी वाहन पर एक मालिक कम से कम ढ़ाई से तीन लाख तक टैक्स की चोरी कर रहा है।
दूसरे राज्यों के मुकाबले राजस्थान में इन वाहनों के टैक्स में तकरीबन तीन से चार प्रतिशत का अंतर है। इन वाहनों का टैक्स यहां पर भी जमा नहीं करवाया जा रहा है। तकरीबन एक भारी वाहन पर एक मालिक कम से कम ढ़ाई से तीन लाख तक टैक्स की चोरी कर रहा है।
ये थे शामिल
एसीबी की टीम में मंगलवार को कार्रवाई के दौरान सीआई पारसमल के अलावा श्याम प्रकाश इंदौरिया, भरतसिंह, सर्वेश्वर सिंह, मनीष कुमार शामिल थे।
एसीबी की टीम में मंगलवार को कार्रवाई के दौरान सीआई पारसमल के अलावा श्याम प्रकाश इंदौरिया, भरतसिंह, सर्वेश्वर सिंह, मनीष कुमार शामिल थे।