राजस्व मंडल घूसकांड उजागर होने के बाद पीडि़तों की शिकायतें एसीबी तक पहुंचने लगी हैं। इसमें निलंबित सदस्यों पर रिश्वत लेकर फैसला बदलने के आरोप शामिल हैं। एसीबी इन शिकायतों की जांच में जुटी हुई है।
राजस्व मंडल घूसकांड में एसीबी ने बी.एल. मेहरडा, सुनील शर्मा और शशिकांत जोशी को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ और जांच में मिली कई डायरी, पर्चियों के अलावा वॉट्सएप चैट को खंगाला जा रहा है। अब एसीबी के पास कई पीडि़त शिकायतें देने पहुंच रहे हैं। कोटड़ा तहसील के ग्रामीण ने एसीबी में निलंबित सदस्य बी.एल. मेहरडा के खिलाफ शिकायत दी।
यह बताया मामला
कोटड़ा निवासी हरिसिंह पुत्र घीसासिंह ने एसीबी के डीजी बी.एल.सोनी के नाम शिकायत दी है। उसने बताया कि पुश्तैनी जमीन खसरा नंबर 856, 857 हैं। वर्तमान खसरा नंबर 1070, 1142, 1144 कुल रकबा 0.50 हेक्टेयर, चौसाला खसरा 748 है। इसमें प्रार्थी का हक निहित था। उसके हिस्से की जमीन बिना बंटवारा किए बेचान कर दिया गया। अजमेर विकास प्राधिकरण से मिलीभगत कर कृषि भूमि को आवासीय भूमि में रूपान्तरित कर बेच दिया गया। उसने एसडीएम कार्यालय में वाद प्रस्तुत किया तो वह खारिज हो गया। बाद में उसने राजस्व अपील अधिकारी के समक्ष अपील की। 6 फरवरी 2020 को उसकी अपील प्रारंभिक आपत्ति पोषणता के आधार पर निरस्त करने का निर्णय दिया गया। अदालत ने उसके दस्तावेजों का अवलोकन भी नहीं किया।
कोटड़ा निवासी हरिसिंह पुत्र घीसासिंह ने एसीबी के डीजी बी.एल.सोनी के नाम शिकायत दी है। उसने बताया कि पुश्तैनी जमीन खसरा नंबर 856, 857 हैं। वर्तमान खसरा नंबर 1070, 1142, 1144 कुल रकबा 0.50 हेक्टेयर, चौसाला खसरा 748 है। इसमें प्रार्थी का हक निहित था। उसके हिस्से की जमीन बिना बंटवारा किए बेचान कर दिया गया। अजमेर विकास प्राधिकरण से मिलीभगत कर कृषि भूमि को आवासीय भूमि में रूपान्तरित कर बेच दिया गया। उसने एसडीएम कार्यालय में वाद प्रस्तुत किया तो वह खारिज हो गया। बाद में उसने राजस्व अपील अधिकारी के समक्ष अपील की। 6 फरवरी 2020 को उसकी अपील प्रारंभिक आपत्ति पोषणता के आधार पर निरस्त करने का निर्णय दिया गया। अदालत ने उसके दस्तावेजों का अवलोकन भी नहीं किया।
रिश्वत लेकर पलटा फैसला!
पीडि़त हरिसिंह ने बताया कि निलंबित सदस्य बी.एल.मेहरडा हर बार तारीखें देता रहा। उसकी एवज में उसने पैसे भी लिए। उसके मामले में भी कथित तौर पर रिश्वत लेकर फैसला पलटा गया है। इसकी जांच कराई जाने की जरूरत है। करोड़ों की सम्पत्ति में एकतरफा फैसला देना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। ऐसे में उसके फैसले का पुनरावलोकन कर जमीन वापस दिलाई जानी चाहिए।
पीडि़त हरिसिंह ने बताया कि निलंबित सदस्य बी.एल.मेहरडा हर बार तारीखें देता रहा। उसकी एवज में उसने पैसे भी लिए। उसके मामले में भी कथित तौर पर रिश्वत लेकर फैसला पलटा गया है। इसकी जांच कराई जाने की जरूरत है। करोड़ों की सम्पत्ति में एकतरफा फैसला देना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। ऐसे में उसके फैसले का पुनरावलोकन कर जमीन वापस दिलाई जानी चाहिए।